जीवंत
भरोसा खुद पर करो दोस्तों ,ना राह देखो दूसरों की ,
तभी तो मंजिल पाओगे ,जब खुद ही दौड़े जाओगे ||
भरोसा रखो ईश्वर पर ,और अपने कर्मों पर ,
दोनों ही भरोसे मजबूती से ,तुम्हारा हाथ थामेंगे ||
रुको ना चलते - चलते तुम ,मंजिल पा ही जाओगे ,
अपने अथक परिश्रम से ,जीवन सुखमय बनाओगे ||
रंगों भरी इस दुनिया में ,भरोसा ही तो जीवन है ,
परिश्रम ही तो जीवन है ,सुकर्म ही तो जीवन है ,
परिश्रम और सुकर्म ही ,जीवन को जीवंत बनाते हैं ||
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