भरोसा
नहीं निर्भर किसी पर हो ,नहीं विश्वास इतना कर ,
जरा सी निर्भरता अच्छी ,जरा सा तू भरोसा कर ||
अगर शक में ही डूबा रहा ,रिश्ता टूट जाएगा ,
इसलिए ही तो बंधु ,जरा सा तू भरोसा कर ||
जग में मुस्कानें बाँटता चल ,चाल को धीमा ही तू रख ,
जब सारा जग मुस्काएगा ,जरा सा तू भरोसा कर ||
बनाया जग को ईश्वर ने ,सजा ले तू इसे भरपूर ,
सजावट को ही देख कर ,ईश्वर करेगा भरोसा तुझ पर ||
सत्कर्मों को करता चल ,बुराई से हो जा दूर ,
तभी ईश्वर मुस्काएगा ,कमा ले उसका भरोसा भरपूर ||
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