Monday, March 18, 2024

POLL - KHOLL ( JIVAN )

 

                          पोल -खोल 


उलझनों के समय में ,हर कोई सुझाव देता है ,

माँगो ना माँगो ,हर कोई सलाह देता है ,

शब्द एक ही होते हैं सभी के ,

संघर्ष करो हम तुम्हारे साथ हैं ,

पूछो जरा उनसे ,अगर तुम सब साथ थे ,

तो ये सब उलझनें आईं ही क्यों ? 


अपनापन तुम्हारा ,पहले कहाँ खो गया था ?

अपनापन तुम्हारा ,पहले कहाँ सो गया था ?

क्या इंतजार कर रहे थे ,इन उलझनों के आने की ?

यदि हाँ ,तो क्या, इन उलझनों का कारण तुम हो ?

 

झूठे अपनेपन की ,पोल - खोल जाता है ,

झूठी सहानुभूति की ,पोल - खोल जाता है ,

जीवन की सच्चाइयों से ,अवगत  करा जाता है ,

अवगत करा जाता है || 


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