तस्वीर और तकदीर
तस्वीर है हमारी जिंदगी , तकदीर है हमारी जिंदगी ,
रंगों का अंतर ,है मगर दोनों में ,
मन चाहे रंग भर दें ,तो बनती तस्वीर है ,
ईश्वर के चाहे रंग भर जाएँ ,तो बनती तकदीर है ||
तस्वीर के रंगों को देखकर ,हम मुस्काते हैं ,
तकदीर के रंगों को देख कर ,ईश्वर मुस्काते हैं ,
ईश हमें वही देते हैं , जो हमारे लिए सुंदर हो ||
इसलिए सब कुछ ,छोड़ दो ईश पर ,
ईश मुस्काएँगे ,तो मुस्काएगी हमारी जिंदगी ||
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