कौन ?
कौन अपना ? कौन पराया ? जाने ना भेद ये कोई ,
अपना समझें हम जिसको ,क्या वाकई वो अपना है ??
जरूरत के वक्त ,वही अपना ,हाथ छोड़ देता है दोस्त ,
किसी भी काम के वक्त ,वही अपना ,मार देता है ताना ,
नहीं पूरा करने देता है ,वह हमें अपना बाना ,
ऐसा कोई क्या अपना है दोस्त ??
मन अपना रखो मजबूत ,हिल पाए ना किसी के तानों से ,
ना छिंदित हो पाए ,अपना कहने वालों के बानों से ,
अपना धैर्य बनाए रखो ,व्यवहार कुशल बन तुम ,
उसे शांति से दर्पण जरूर दिखाओ ||
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