मुस्कानों के फूल
जो रिश्ते आज हैं ,उन्हें तुम संभालो ,
अगर रिश्तों में दरारें आईं ,तो वो नहीं संभलेंगे ,
मीठा बोलो तो ,रिश्ता पक्का होगा ||
रिश्ते जो कमजोर हुए ,सूखे पेड़ से चरमराए ,
फिर क्या होगा ?
क्या मुस्कानें उसे हरा कर पाएँगी ?
क्या मधुर उन्हें बनाएँगी ,तेरी और मेरी मुस्कानें ?
सूखा पेड़ कभी हरा नहीं होता दोस्तों ?
समय रहते संभालो उन्हें ,
प्यार के पानी से हरा कर लो उन्हें ,
जीवन सुंदर हो जाएगा ,
मुस्कानों का गुलशन बन जाएगा ,
मुस्कानों के फूल खिलाओ ,
रिश्तों का बगीचा महक जाएगा ||
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