Thursday, April 11, 2024

TABHII TO ( KSHANIKAA )

 

                                तभी तो 


हे जीभ तुम ,स्वाद को छोड़ दो ,

तभी तो ,मेरा स्वास्थ्य उत्तम होगा ,

हे जीभ तुम ,मीठे शब्दों को चुन लो ,

तभी तो ,मेरे रिश्ते स्वस्थ होंगे || 


ऐ मेरे दिल , दोस्तों पर भरोसा करो ,

तभी तो ,दोस्तों की संख्या बढ़ेगी ,

ऐ मेरे दिल ,रिश्तों पर विश्वास करो ,

तभी तो , रिश्ते मजबूत बनेंगे || 


ऐ दिमाग ,मुस्कानों की संख्या को गुणा करो ,

तभी तो , खुशियों की संख्या बढ़ेगी ,

ऐ दिमाग ,उदासियों को भूल जाओ ,

तभी तो , ग़मों  संख्या कम होगी || 


ऐ मेरे हाथ ,अपनों के लिए अच्छा कर्म करो ,

तभी तो , अपनों  को ख़ुशी मिलेगी ,

ऐ मेरे हाथ ,मदद करने में सबसे आगे रहो ,

तभी तो ,मदद वालों की ,शुभेच्छा आपको मिलेगी || 


ऐ मेरे पैरों , चलते रहो ,जहाँ तुम्हारी जरूरत हो ,

तभी तो , दूसरों की जरूरतें पूरी होंगी ,

ऐ मेरे पैरों ,चलते जाओ ,चलते जाओ ,ले के प्रभु का नाम ,

तभी तो , चलते -चलते ,पहुँचोगे ,प्रभु के धाम || 


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