क्यों कोई ?
क्यों कोई लड़की चाहे ,पति रूप में राम ?
जीवन बीतेगा अकेले ,बनेगा वन में धाम ||
आज तो ना कोई वाल्मीकि ,ना ही कोई आश्रम ,
वन में तो खूंखार जानवर ,नहीं कोई उनका नाम ||
ना पंचवटी की कुटिया ,ना लक्ष्मण जैसा भाई ,
फिर कैसे जीवन बीते ,बच्चों के संग - संग माई ??
सीता थी त्रेता युग में ,फिर भी अग्नि - परीक्षा ,
फिर भी वनवास मिला उसको ,देकर भी अग्नि - परीक्षा ||
अब तो कलयुग है बंधु ,क्या ये सीता का युग है ?
क्यों राम को चुन ले सीता ,जो वन में छोड़े सीता ??
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