जाओ
जीवन है सुख - दुःख की नदिया ,
कर्मों की खेते जाओ ,
ढंग से पतवार चलाते जाओ ,
ढंग से पतवार चलाते जाओ ||
समय -समय का फेर है बंधु ,
हाथों से पतवार चलाओ ,
होठों पर मुस्कान सजा कर ,
सुंदर सा गीत तुम गाते जाओ ||
दिल खुश हो कर नाच उठेगा ,
अँखियाँ चमक उठेंगी बंधु ,
ऐसे में ही तुम बंधु ,
लहरों से प्यार जताते जाओ ||
सुख -दुःख आएँ जब जीवन में ,
दोनों को अपनाते जाओ ,
एक बिना दूजा है अधूरा ,
बिल्कुल ना तुम घबराओ ||
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