तुम जो आओ
तुम जो आओ मेरे जीवन की गलियों में ,
तो रंग बरसे |
तुम जो छाओ मेरे सपनों के आसमाँ में ,
तो रंग बरसे |
बीतता चला है सावन , तेरे इंतज़ार में ,
तुम जो आओ मेरे अंगना , तो सावन बरसे ,
तो रंग बरसे |
बदरा से भरे आसमाँ में , कड़कती है दामिनी ,
तुम्हारे नयनों की चमक से ही तो , मेरी दामिनी चमके ,
तो रंग बरसे |
नन्हीं बूँदें जो छलकें , मेरे अंचरा में ,
तुम्हारे प्यार से ही तो , वो बूँदें सरसें ,
तो रंग बरसे |
जीवन -रस -धार बही जाती है ,
खुद को डुबा दो , इस रस की धार में ,
तुम्हारा प्यार पाऊँ तो , इस धार में मोती चमकें ,
तो रंग बरसे |
शब्द अनगिनत हैं , प्यार भरे , इस संसार में ,
तेरे बोलों से ही तो , मेरे शब्द सरसें ,
तो रंग बरसे |
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