नन्हा तारा
रात गयी कम हुआ अँधेरा ,
नन्हा तारा चमक गया ,
गहरे नीले नील गगन में ,
नन्हा तारा चमक गया ॥
ऊपर पूरे नील गगन में ,
आयी नहीं किरन कोई ,
नहीं रोशनी फूटी कोई ,
पर नन्हा तारा चमक गया ॥
हँसता - हँसता नन्हा तारा ,
मानो नन्हा बच्चा कोई ,
एक छत्र हो राज उसी का ,
ऐसे तारा चमक गया ॥
चाँद पास में चमक रहा ,
सोया सा वह गमक रहा ,
शैतानी ना करता कोई ,
नन्हा तारा चमक गया ॥
इस तारे की बात यही ,
धीरे - धीरे रात गयी ,
चमका जब यह नभ में तो ,
आयी धीरे प्रातः नयी ॥
किरनें आयीं धीरे - धीरे ,
फैलाया उजियारा सा ,
लाली लगी फैलने जब तो ,
नन्हा तारा दुबक गया ॥
रात गयी कम हुआ अँधेरा ,
नन्हा तारा चमक गया ,
गहरे नीले नील गगन में ,
नन्हा तारा चमक गया ॥
ऊपर पूरे नील गगन में ,
आयी नहीं किरन कोई ,
नहीं रोशनी फूटी कोई ,
पर नन्हा तारा चमक गया ॥
हँसता - हँसता नन्हा तारा ,
मानो नन्हा बच्चा कोई ,
एक छत्र हो राज उसी का ,
ऐसे तारा चमक गया ॥
चाँद पास में चमक रहा ,
सोया सा वह गमक रहा ,
शैतानी ना करता कोई ,
नन्हा तारा चमक गया ॥
इस तारे की बात यही ,
धीरे - धीरे रात गयी ,
चमका जब यह नभ में तो ,
आयी धीरे प्रातः नयी ॥
किरनें आयीं धीरे - धीरे ,
फैलाया उजियारा सा ,
लाली लगी फैलने जब तो ,
नन्हा तारा दुबक गया ॥