बाँहों के साए
सपनों के रंगीन धागे ,
मेरी आँखों में तिर आए ,
यादों के रुपहले साए,
मेरी रूह में घिर आए ॥
प्यार के झोंके हैं इन हवाओं में ,
रंग बिखरा है इन फिज़ाओं में ,
ज़ुल्फ़ों को उड़ाने में तो ,
मस्त हुए पवनों के साए ॥
तू जो आ जाए तो ,
दिल के सन्नाटे दूर हो जाएँ ,
दूर रह कर भी तो तूने ,
अनगिनत ख़्वाब हैं नज़रों में सजाए ॥
खन - खन मेरी चूड़ी की ,
बुला रही है तुझको ,
छम - छम मेरी पायल की भी ,
देकर आवाज़ तुझको है बुलाए ॥
न रुक जहाँ रुका है तू ,
कैसे दिल की धड़कन को ?
सुन के भी ना चला है तू ,
आजा तरसते हैं मेरे प्यार के साए ॥
कल अगर सपनीली आँखें नहीं होंगी ,
तब तरस जाएगा तू मेरे माही ,
आज तो हर साँस तेरी है मुंतज़िर ,
उसे है इन्तज़ार कि तू आए ॥
राह मंजिल की नहीं है इतनी मुश्किल ,
कि आना चाहकर भी तू आ न सके ,
तोड़ दे राहों की सभी बाधाओं को ,
पुकारते हैं तुझे मेरी बाँहों के साए ॥
सपनों के रंगीन धागे ,
मेरी आँखों में तिर आए ,
यादों के रुपहले साए,
मेरी रूह में घिर आए ॥
प्यार के झोंके हैं इन हवाओं में ,
रंग बिखरा है इन फिज़ाओं में ,
ज़ुल्फ़ों को उड़ाने में तो ,
मस्त हुए पवनों के साए ॥
तू जो आ जाए तो ,
दिल के सन्नाटे दूर हो जाएँ ,
दूर रह कर भी तो तूने ,
अनगिनत ख़्वाब हैं नज़रों में सजाए ॥
खन - खन मेरी चूड़ी की ,
बुला रही है तुझको ,
छम - छम मेरी पायल की भी ,
देकर आवाज़ तुझको है बुलाए ॥
न रुक जहाँ रुका है तू ,
कैसे दिल की धड़कन को ?
सुन के भी ना चला है तू ,
आजा तरसते हैं मेरे प्यार के साए ॥
कल अगर सपनीली आँखें नहीं होंगी ,
तब तरस जाएगा तू मेरे माही ,
आज तो हर साँस तेरी है मुंतज़िर ,
उसे है इन्तज़ार कि तू आए ॥
राह मंजिल की नहीं है इतनी मुश्किल ,
कि आना चाहकर भी तू आ न सके ,
तोड़ दे राहों की सभी बाधाओं को ,
पुकारते हैं तुझे मेरी बाँहों के साए ॥