वो चन्द्रमा
झाँके है खिड़कियों से वो चन्द्रमा ,
बोलता है आ जाओ वो चन्द्रमा ,
रजनी के आते ही नील - गगन में ,
चम - चम चमकता है वो चन्द्रमा ||
सूरज जब घर जाता है ,
अँधियारा छा जाता है ,
तभी तारों की टोली ले कर ,
चला आता है वो चन्द्रमा ||
आज तो दिखता है देखो थाल सा ,
बुनता है चाँदी का जैसे जाल सा ,
छोटा है कभी तो बड़ा है कभी ,
दिखता है कभी तो नहीं है कभी वो चन्द्रमा ||
साम्राज्य बहुत बड़ा है उसका ,
तारों का राजा बना है वो चन्द्रमा ,
प्रजा झिलमिलाती है नीले आकाश में ,
उसी प्रजा के बीच में जगमगाता है वो चद्रमा ||
निद्रा में जब भी आँखें खुलीं ,
नील - गगन में उसे मुस्कुराते हुए पाया ,
मानो कह रहा हो तुम चैन से सो जाओ ,
मैं जाग रहा हूँ पहरे दार तुम्हारा चन्द्रमा ||
झाँके है खिड़कियों से वो चन्द्रमा ,
बोलता है आ जाओ वो चन्द्रमा ,
रजनी के आते ही नील - गगन में ,
चम - चम चमकता है वो चन्द्रमा ||
सूरज जब घर जाता है ,
अँधियारा छा जाता है ,
तभी तारों की टोली ले कर ,
चला आता है वो चन्द्रमा ||
आज तो दिखता है देखो थाल सा ,
बुनता है चाँदी का जैसे जाल सा ,
छोटा है कभी तो बड़ा है कभी ,
दिखता है कभी तो नहीं है कभी वो चन्द्रमा ||
साम्राज्य बहुत बड़ा है उसका ,
तारों का राजा बना है वो चन्द्रमा ,
प्रजा झिलमिलाती है नीले आकाश में ,
उसी प्रजा के बीच में जगमगाता है वो चद्रमा ||
निद्रा में जब भी आँखें खुलीं ,
नील - गगन में उसे मुस्कुराते हुए पाया ,
मानो कह रहा हो तुम चैन से सो जाओ ,
मैं जाग रहा हूँ पहरे दार तुम्हारा चन्द्रमा ||