प्रीत गीत
रंग आज बिखरे हैं मेरे आँचल में ,
रात सिमट आई मेरे काजल में ,
तूने एक नज़र जो देखा मुझको ,
संगीत छनकता है मेरी पायल में ॥
हवा ने बिखरायी हैं ज़ुल्फ़ें मेरी ,
आँचल भी उड़ा - उड़ा जाता है ,
कजरारी बदरी तो मानो ,
बंध गयी है मेरे आँचल में ॥
सिमट - सिमट आई है चन्द्रकिरन ,
नयनों की चमकीली प्याली में ,
कुछ तो चाँद ने इधर दे दी ,
कुछ ले ली तारा मंडल ने ॥
चाँद भी चन्द्रकिरन को देते ही ,
कुछ तो शर्माया , घबराया है ,
तभी तो छिपने चला है ,
बदरी के कजरारे आँचल में ॥
आ जाओ तुम जो साथ मेरे ,
खिल - खिल जाएगा ये मौसम भी ,
हरियाली सी छा जाएगी हर ओर ,
फूल खिल उठेंगे मेरे आँगन में ॥
प्यार पाकर तेरा मेरे साजन ,
रूप संवरेगा मेरी दुनिया का ,
हर तरफ प्यार का मौसम होगा ,
गुनगुनाएगा प्रीत गीत मेरे जीवन में ॥
रंग आज बिखरे हैं मेरे आँचल में ,
रात सिमट आई मेरे काजल में ,
तूने एक नज़र जो देखा मुझको ,
संगीत छनकता है मेरी पायल में ॥
हवा ने बिखरायी हैं ज़ुल्फ़ें मेरी ,
आँचल भी उड़ा - उड़ा जाता है ,
कजरारी बदरी तो मानो ,
बंध गयी है मेरे आँचल में ॥
सिमट - सिमट आई है चन्द्रकिरन ,
नयनों की चमकीली प्याली में ,
कुछ तो चाँद ने इधर दे दी ,
कुछ ले ली तारा मंडल ने ॥
चाँद भी चन्द्रकिरन को देते ही ,
कुछ तो शर्माया , घबराया है ,
तभी तो छिपने चला है ,
बदरी के कजरारे आँचल में ॥
आ जाओ तुम जो साथ मेरे ,
खिल - खिल जाएगा ये मौसम भी ,
हरियाली सी छा जाएगी हर ओर ,
फूल खिल उठेंगे मेरे आँगन में ॥
प्यार पाकर तेरा मेरे साजन ,
रूप संवरेगा मेरी दुनिया का ,
हर तरफ प्यार का मौसम होगा ,
गुनगुनाएगा प्रीत गीत मेरे जीवन में ॥
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