बधाईयाँ
आज संगीत मय फ़िजां है आई ,
कृष्णा की मुरली बज उठी है भाई |
उषा की लालिमा गगन पे है छाई |
कर्तव्य - पथ पर चले जिन्दगी भर ,
आज कुछ राहत जग उठी है ,
कठिनाइयों के रास्तों को पार करके ,
राहें अब कुछ सज उठीं हैं ,
देखो जरा तुम भी , पुरवा है गुनगुनाई |
संघर्ष किया जीवन भर , ना किया कभी आराम ,
बच्चों के लिए रतजगा , और किया हर काम ,
वही बच्चे बने , हैं अब इनकी परछाईं |
के .के . के सपने सज गए ,
अनमोल मोती जग गए ,
उनकी कल्पनाओं के अरविन्द ,
चहुँ ओर ही हैं सज गए ,
प्यार भरी उषा से , रंगों की बदली छाई |
सनी उषा से जिन्दगी है खिल उठी ,
मिनी -मिनी सी कल्पनाओं से जिन्दगी चमक उठी,
कृष्णा की राधा देखो तो शरमाई |
मुबारकों , बधाइयों से समां है गूँज उठा ,
प्यार भरी राहों में मानो अरविन्द खिल उठा ,
आज उषाकाल में रवि की धुप गुनगुनायी |
सुख ,स्वास्थ्य भरा जीवन हो ,
खुशियों से भरा मन हो ,
हर दीप दे उजाला ,
हर दिन नया सावन हो ,
तारों के साथ ही तो , खुशियाँ हैं जगमगायीं |
राहें खुलें गुलशन में , झूलें पड़ें सावन में ,
हर खुशी मिले मन की , ये दुआ है समधी , समधिन की ,
आज की बेला में , बीना भी झंझांई |
भेंट -कर्ता --- श्रीमती और श्री ओ. पी . आजाद
दिनांक -३१-०३-2011
हर खुशी मिले मन की , ये दुआ है समधी , समधिन की ,
आज की बेला में , बीना भी झंझांई |
भेंट -कर्ता --- श्रीमती और श्री ओ. पी . आजाद
दिनांक -३१-०३-2011
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