Saturday, March 3, 2012

badhayiyan

                           बधाईयाँ 
           आज संगीत मय फ़िजां है आई ,
                  कृष्णा की मुरली बज उठी है भाई |
           उषा की लालिमा गगन पे है छाई |
           कर्तव्य - पथ पर चले जिन्दगी भर ,
           आज कुछ राहत जग उठी है ,
           कठिनाइयों के रास्तों को पार करके ,
           राहें अब कुछ सज उठीं हैं ,
                 देखो जरा तुम भी , पुरवा है गुनगुनाई |
संघर्ष किया जीवन भर , ना किया कभी आराम ,
बच्चों के लिए रतजगा , और किया हर काम ,
        वही बच्चे बने , हैं अब इनकी परछाईं |
           के .के . के सपने सज गए ,
           अनमोल मोती जग गए ,
           उनकी कल्पनाओं के अरविन्द ,
           चहुँ ओर ही हैं सज गए ,
                प्यार भरी उषा से , रंगों की बदली छाई  |
           सनी उषा से जिन्दगी है खिल उठी ,
       मिनी -मिनी सी कल्पनाओं से जिन्दगी चमक उठी,
                 कृष्णा की राधा देखो तो शरमाई |
          मुबारकों , बधाइयों से समां है गूँज उठा ,
          प्यार भरी राहों में मानो अरविन्द खिल उठा ,
                 आज उषाकाल में रवि की धुप गुनगुनायी |
          सुख ,स्वास्थ्य भरा जीवन हो ,
           खुशियों से भरा मन हो ,
           हर दीप दे उजाला ,
            हर दिन नया सावन हो ,
                तारों के साथ ही तो , खुशियाँ हैं जगमगायीं |                 
      राहें  खुलें गुलशन में , झूलें पड़ें सावन में ,
        हर खुशी मिले मन की , ये दुआ है समधी , समधिन की ,
              आज की बेला में , बीना भी झंझांई |   
                                     भेंट -कर्ता --- श्रीमती और श्री ओ. पी . आजाद 
   दिनांक -३१-०३-2011              

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