विद्यालय परिचय
आइए - आइए निगम प्रतिभा विद्यालय , सी - 1 , जनकपुरी - 1 , की प्रतिभाशाली छात्राएँ
आप सबसे अपने विद्यालय परिवार का परिचय कराती हैं ।
ये है विद्यालय का द्वार , मानो ज्ञान मंदिर का द्वार ,
खुल कर कहता अंदर आओ , अंदर फैले ज्ञान को पाओ ।
समय और अनुशासन का पालन , है शिक्षित होने का साधन ,
आगे बढ़ हर काम करो , जग में ऊँचा नाम करो ,
कर्मठ बनने की सीख है मिलती , ये हैं हमारे प्रिंसीपल सर ।
सुन सीटी की आवाज , सारे बच्चे आते भाग ,
अनुशासित रखने के साथ , खेल खिलाते हैं सर आज ,
उनका अनुसरण कर बच्चे , ढेरों ईनाम हैं पाते , ये हैं हमारे महेश सर ।
प्यार की भाषा बोलें सबसे , चित्रों व लेख की ये महारथी ,
ना कहना ये ना जानें , बच्चे जानें इनको पहचानें ,
विनम्रता का गहना पहने , ये हैं हमारी ज्योति मैडम ।
दुबली - पतली छरहरी काया , कभी न किसी पर रोब जमाया ,
गुणों को देख कर ही , स्कूल इंचार्ज है बनाया ,
नम्र व्यवहार इनका , ये हैं हमारी किरन मैडम ।
धीमे - धीमे बोलें बोल , बोली है इनकी अनमोल ,
धीरे - धीरे आती हैं , ये हैं सबकी शारदा मैडम ।
समझ - समझ कर समझा कर , हर समाधान की हैं आकर ,
जब बोलें मीठा ही बोलें , बातों को पहले ही तोलें ,
अरे - रे ये हैं हमारी सरोज मैडम ।
सर - सर कहके बच्चे आते , खेल - खेल में सीख हैं पाते ,
नई - नई बातें समझाते , पहचानो भई ये हैं सुरेश सर ।
सुंदर लिखना इनकी आदत , बच्चे भी लिख पाते हैं ,
कौन है आया देखो तो , सीताराम सर जी आते हैं ।
कार्य से इनको है जो प्यार , बातें जीवन की आधार ,
अच्छी बातें सिखा - सिखा कर , जीवन पथ को करें सरल ,
ये हैं हमारी इन्द्रजीत मैडम ।
बच्चों को ये देतीं प्यार , साथ ही शिक्षा का भंडार ,
सधी हुई इनकी आवाज , बिखराती शब्दों का ज्ञान ,
ये देखो आयीं हमारी भारती मैडम ।
धीमी सी स्वर लहरी है , बच्चों के बीच ठहरी हैं ,
ध्यान रखें बच्चों का दिल से , बच्चे इनको देख के खिलते ,
ये हैं हमारी सुनीता कोहली मैडम ।
तीखी सी आवाज सरसती , रंगों की बदली है बरसती ,
काम में अपने डूबी सी ये , अरे - रे ये हैं सीमा मैडम ।
व्यस्त हमेशा रहें , कभी नहीं खाली ,
आते - जाते रहें दौड़ती , कभी नहीं सुस्तातीं ,
इसी व्यस्तता का है दूजा , नाम हमारी सुधा मैडम ।
हर काम करें कम्प्यूटर से , वह माने इनकी बात सभी ,
प्यार भरा संकेतों का ढंग , ये हैं हमारी शालिनी मैडम ।
पारंगत ये चित्रकला में , सुन्दरतम् चित्र बनती हैं ,
डूब कर उन चित्रों की छाया में , अनुपम छटा बिखराती हैं ,
उपमा नहीं मिले इनकी , ये अनूप कहलाती हैं ।
समझा कर ये बात बतातीं , खोज - खोज कर मॉडल लातीं ,
समय की नहीं ये मोहताज , ये है मंजू मैडम का राज ।
हँस - हँस कर ये बोलें सबसे , सबको ही हँसना सिखातीं हैं ,
हँसी - हँसी में ही ये , गंभीर बात कह जाती हैं ,
हँसगुल्ले बिखराने वाली , ये हैं हमारी हेमलता मैडम ।
प्यार भरे ढंग से हैं पढ़ातीं ,छात्राओं को आगे बढ़ातीं ,
बढ़ता कदम - कदम जीवन ,ये हैं मैडम शशि किरन ।
धीमी सी आवाज है इनकी , दुबली पतली काया है ,
छोटे - छोटे बच्चे देखो , मानो इनका साया हैं ,
नहीं पहचाने , अरे ये तो हैं रेनू मैडम ।
माईक की ना इन्हें जरूरत , आवाज में इतना दम है ,
क्राफ्ट और पेंटिंग में डूबी , चारों ओर ही रंग है , देखो ये दिपा मैडम हैं ।
गोरी - गोरी , गोल - मटोल , मीठे स्वर हैं इनके बोल ,
आती हैं देखो तो जरा , नाम है इनका प्रज्ञा ।
नयी ये मैडम आयी हैं , पर लगता नहीं परायी हैं ,
सबको ही अपनायी हैं , कौन - ये हैं दलजिंदर मैडम ।
छोटी - छोटी प्यारी सी , बोलें बिलकुल न्यारी सी ,
मीठा सा ये बोलें हैं , पहचानो तो जयमाला मैडम ।
नयी आयी हैं , गुपचुप सी हैं ,नहीं जान हम पाए हैं ,
सिमटी अपने आप में , ये हैं हमारी हर्ष मैडम ।
नयी - नयी मैडम हैं आईं , हम स्वागत करते हैं इनका ,
मिलजुल कर रहना है सबसे , हमारी रीना मैडम ।
रंग - बिरंगी छाया इनकी , सुर और लय की माया इनकी ,
हर्षित सदा ये रहती आयीं , देखो तो पूनम मैडम हैं आयीं ।
छोटी सी हैं प्यारी सी हैं , सचमुच ये तो न्यारी सी हैं ,
चित्रों की हैं ये तो छवि सी , नाम है इनका चित्रा मैडम ।
सुंदर सी बन कर हैं आतीं , बच्चों को रंगों से खिलातीं ,
प्यार भरी भाषा वाली , ये तो हैं अपनी अनिशा मैडम ।
सीटी और ड्रम से है नाता , बच्चों को अनुशासित करना आता ,
बच्चे मानें इनकी बात , ये ही वंदना मैडम की बात ।
पंजाबी का ज्ञान दिलातीं , कविताएं , सुलेख सिखातीं ,
प्यार भरे लहजे में हमको , गाने और डांस सिखातीं ,
ये हैं हमारी प्यारी सी अनीता मैडम ।
प्यार भरे शब्दों में बोलें , कभी न ये तो ऊँचा बोलें ,
मीठे स्वर वाली , ये हैं हमारी योगिता मैडम ।
रंग - बिरंगी पुस्तकें पढ़ातीं , कविता कहानी सभी को सुनातीं ,
बच्चों को ये बहलातीं , बोलो तो कौन - साधना मैडम ।
कम्प्यूटर हमें सिखातीं , की -बोर्ड प्रयोग करवातीं ,
पहचान गए ना , ये हैं हमारी दुर्गा मैडम ।
विद्यालय परिवार का परिचय कराया , पता नहीं आपको भाया या नहीं भाया ,
खैर कुछ भी हो हमने तो , अपना फर्ज निभाया ,
जिसने यह गीत गवाया , वो हैं हमारी प्यारी सी मैडम मिथलेश मैडम ।