इंतज़ार - ए - साकी
कब से हूँ इंतज़ार में ,
दुनिया के मयखाने में ,
कहाँ है तू साकी ?
क्यों देर हुई आने में ??
देख रहीं हैं रस्ता ,
तरसती हुई निगाहें ,
कहाँ छिप गया है तू ?
ना देर कर अब आने में ॥
सागर भरा हुआ है ,
प्याला है मेरा खाली ,
आजा सितमगर अब तो ,
ना देर कर पिलाने में ॥
मय में नशा नहीं है ,
बोतल में भी नहीं है ,
तू जूठा कर दे होठों से ,
तो बरसे नशा मयखाने में ॥
मयखाना झूम जाए ,
प्याला भी नाच जाए ,
ढल जाए मय जो सागर से ,
तेरे हाथों से मयखाने में ॥
जल्दी से आजा अब तो ,
क्यों इतनी देर लगाए ?
इस इंतज़ार में कहीं ,
प्याला ना टूट जाए ॥
निगाहें हैं द्वार पर ही ,
दिल भी वहीं टिका है ,
आजा ओ साकी मेरे ,
क्यूँ लगा है तरसाने में ??
एक साया नज़र आया ,
दिल ने सुकूँ सा पाया ,
देखो तो कोई आया ,
हिला द्वार मयखाने में ॥
सूरत जो तेरी देखी ,
साँसें भी मेरी बहकीं ,
छोड़ चलीं हैं साँसें मेरी ,
की देर बड़ी मेहरबाँ आने में ॥
रूह उड़ चली है तन से मेरे ,
मयखाना भी छूट चला ,
दूर - दूर - दूर और दूर ,
काश देर ना करते तुम आने में ॥
कब से हूँ इंतज़ार में ,
दुनिया के मयखाने में ,
कहाँ है तू साकी ?
क्यों देर हुई आने में ??
देख रहीं हैं रस्ता ,
तरसती हुई निगाहें ,
कहाँ छिप गया है तू ?
ना देर कर अब आने में ॥
सागर भरा हुआ है ,
प्याला है मेरा खाली ,
आजा सितमगर अब तो ,
ना देर कर पिलाने में ॥
मय में नशा नहीं है ,
बोतल में भी नहीं है ,
तू जूठा कर दे होठों से ,
तो बरसे नशा मयखाने में ॥
मयखाना झूम जाए ,
प्याला भी नाच जाए ,
ढल जाए मय जो सागर से ,
तेरे हाथों से मयखाने में ॥
जल्दी से आजा अब तो ,
क्यों इतनी देर लगाए ?
इस इंतज़ार में कहीं ,
प्याला ना टूट जाए ॥
निगाहें हैं द्वार पर ही ,
दिल भी वहीं टिका है ,
आजा ओ साकी मेरे ,
क्यूँ लगा है तरसाने में ??
एक साया नज़र आया ,
दिल ने सुकूँ सा पाया ,
देखो तो कोई आया ,
हिला द्वार मयखाने में ॥
सूरत जो तेरी देखी ,
साँसें भी मेरी बहकीं ,
छोड़ चलीं हैं साँसें मेरी ,
की देर बड़ी मेहरबाँ आने में ॥
रूह उड़ चली है तन से मेरे ,
मयखाना भी छूट चला ,
दूर - दूर - दूर और दूर ,
काश देर ना करते तुम आने में ॥
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