अँगना में
आ अम्बर तू ले चल मुझको ,
अपने नीले अँगना में ,
सूरज , चंदा संग सितारे ,
खेलें तेरे अँगना में ||
सिंदूरी आभा से जगमग ,
तेरी सुबह निराली है ,
सूरज उगता है जब ऊपर ,
फैले आभा अँगना में ||
सूर्य रश्मियाँ उजला करतीं ,
पूरा जग जगमग करतीं ,
पर सबसे सुंदर तो अम्बर ,
रँग तुम्हारे अँगना में ||
जीवन देता सूरज जग को ,
धरा जीवित हो उठती है ,
सभी जीव जीवित हो जाते ,
धरा के नन्हें अँगना में ||
फल - फूलों से भरी धरा ,
सुंदर - सुंदर जीव चलें ,
मानव का मस्तिष्क चहकता ,
धरा के सुंदर अँगना में ||
सांझ ढले सूरज सोता जब ,
अँधियारा छा जाता है ,
चंदा , तारे जगमग - जगमग ,
करते तेरे अँगना में ||
निशा जगमगाती चंदा से ,
तारे झिलमिल करते हैं ,
ऐसे में जग सो जाता है ,
जगते सब तेरे अँगना में ||
आ अम्बर तू ले चल मुझको ,
अपने नीले अँगना में ,
सूरज , चंदा संग सितारे ,
खेलें तेरे अँगना में ||
सिंदूरी आभा से जगमग ,
तेरी सुबह निराली है ,
सूरज उगता है जब ऊपर ,
फैले आभा अँगना में ||
सूर्य रश्मियाँ उजला करतीं ,
पूरा जग जगमग करतीं ,
पर सबसे सुंदर तो अम्बर ,
रँग तुम्हारे अँगना में ||
जीवन देता सूरज जग को ,
धरा जीवित हो उठती है ,
सभी जीव जीवित हो जाते ,
धरा के नन्हें अँगना में ||
फल - फूलों से भरी धरा ,
सुंदर - सुंदर जीव चलें ,
मानव का मस्तिष्क चहकता ,
धरा के सुंदर अँगना में ||
सांझ ढले सूरज सोता जब ,
अँधियारा छा जाता है ,
चंदा , तारे जगमग - जगमग ,
करते तेरे अँगना में ||
निशा जगमगाती चंदा से ,
तारे झिलमिल करते हैं ,
ऐसे में जग सो जाता है ,
जगते सब तेरे अँगना में ||
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