दामिनी
चमक - चमक कर दामिनी ,
रोशन जग कर देती ,
बदरा के श्यामल वर्ण को ,
रंगों से भर देती ||
गगन के आँगन में दामिनी ,
अपना नृत्य दिखाती ,
है महान नृत्यांगना ,
यह साबित कर देती ||
खेल दिखाती बदरा संग ,
बदरा को छिपने ना देती ,
खिल खिला कर अपनी ,
मुस्कान से जग सारा भर देती ||
चमक दामिनी की मेरे ,
मन को जगमग कर देती ,
मन रोशन हो जाता तो ,
तन को सोना कर देती ||
गरज - गरज कर दामिनी ,
जग गुंजित कर देती ,
जग में फैले सन्नाटे को ,
चमकीली गूँज कर देती ||
बदरा के बीच हँसती जाती ,
नयी किलोलें करती जाती ,
ऐसी अलबेली मेरी दामिनी ,
मुस्कान लबों में भर देती ||
मैं चाहूँ चमक समेटूँ दामन में ,
पर कैसे जान ना पाऊँ मैं ?
काश दामिनी चमक से अपनी ,
दामन मेरा भर देती ||
चमक - चमक कर दामिनी ,
रोशन जग कर देती ,
बदरा के श्यामल वर्ण को ,
रंगों से भर देती ||
गगन के आँगन में दामिनी ,
अपना नृत्य दिखाती ,
है महान नृत्यांगना ,
यह साबित कर देती ||
खेल दिखाती बदरा संग ,
बदरा को छिपने ना देती ,
खिल खिला कर अपनी ,
मुस्कान से जग सारा भर देती ||
चमक दामिनी की मेरे ,
मन को जगमग कर देती ,
मन रोशन हो जाता तो ,
तन को सोना कर देती ||
गरज - गरज कर दामिनी ,
जग गुंजित कर देती ,
जग में फैले सन्नाटे को ,
चमकीली गूँज कर देती ||
बदरा के बीच हँसती जाती ,
नयी किलोलें करती जाती ,
ऐसी अलबेली मेरी दामिनी ,
मुस्कान लबों में भर देती ||
मैं चाहूँ चमक समेटूँ दामन में ,
पर कैसे जान ना पाऊँ मैं ?
काश दामिनी चमक से अपनी ,
दामन मेरा भर देती ||
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