Wednesday, March 6, 2019

BACHCHII SANG TITLII ( JIVAN )

         बच्ची संग  तितली 
 
 
  गगन के अँगना में ,
  रवि किरणें जब बिखरीं ,
  धरती के आँचल में ,
 रंगों की छटा फिर निखरी   ||

  परिंदों की चहचहाहट ने ,
   जग को गुँजाया ,
   अँगड़ाई लेती हुई ,
    दुनिया को जगाया   ||

  नन्हीं कली चटखी ,
    फूल बन महकी ,
   उसी की महक ने ,
  पूरी क्यारी को महकाया   ||

   क्यारी - क्यारी करके ,
    गुलशन है महका ,
    महकते हुए फूलों में ,
     तितलियों ने घर बनाया   ||

  फर - फर , फर - फर उड़ती ,
   तितलियों को देख कर ,
    बच्चे खुशी से फूले ,
   पकड़ने को हाथ बढ़ाया   ||

    हाथ नहीं जब वो आईं ,
    मुस्कान हुई छोटी ,
      पर नहीं तितलियों ने फिर ,
      मुस्कान को बढ़ाया   ||    

     हाथ आयी फिर नन्हीं तितली ,
      बच्ची का दिल हर्षाया ,
       देख -देख उस तितली को ,
     बच्ची ने नाच दिखाया |

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