मीठी यादें
धीमे बोलों की हैं खान , शांत प्रवृत्ति इनकी शान ,
आती हैं मानो निश्छल , जैसे स्वच्छ नीर सलिल ॥
बहती नदिया तटिनी सी , तट रेखा ना पार करे ,
ये तो सुंदर भगिनी सी , अनुशासन में सदा रहे ॥
हाथ बढ़े हैं सदा इसी के , कभी जो दुःखी रहा कोई ,
बोल करें मरहम का काम , दुःख दूजे का मिटा सोई ॥
दुनिया प्यार करे है इनको , ये दुनिया को प्यार करें ,
सारी दुनिया और ये खुद ही , हैं सिक्के के पहलू दो ॥
ये तो हैं तेरी परछाईं , तू मेरे दिल से है आई ,
कहीं रहे तू भूल ना जाना , अपनी यादों में हमें बसाना ॥
धीमे बोलों की हैं खान , शांत प्रवृत्ति इनकी शान ,
आती हैं मानो निश्छल , जैसे स्वच्छ नीर सलिल ॥
बहती नदिया तटिनी सी , तट रेखा ना पार करे ,
ये तो सुंदर भगिनी सी , अनुशासन में सदा रहे ॥
हाथ बढ़े हैं सदा इसी के , कभी जो दुःखी रहा कोई ,
बोल करें मरहम का काम , दुःख दूजे का मिटा सोई ॥
दुनिया प्यार करे है इनको , ये दुनिया को प्यार करें ,
सारी दुनिया और ये खुद ही , हैं सिक्के के पहलू दो ॥
ये तो हैं तेरी परछाईं , तू मेरे दिल से है आई ,
कहीं रहे तू भूल ना जाना , अपनी यादों में हमें बसाना ॥
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