खारा क्यूँ
मीठा जल नदियाँ लातीं ,
तुझ तक सारा पहुँचातीं ,
फिर सागर तू खारा क्यूँ ??
कहाँ से इतना ?
नमक तू लाया ,
नदियों के पानी में मिलाया ,
उसे बनाया खारा क्यूँ ??
पीने लायक मीठा जल ,
नदियों में जो बहता है ,
लंबी राह पार करके ,
तेरे द्वार पहुँचता है ,
मिलता तुझसे हो बेकल ,
करता उसे तू खारा क्यूँ ??
पीने लायक नहीं छोड़ा ,
खारा पानी कर छोड़ा ,
मीठा जल आता पल - पल ,
फिर भी वह नमकीन बना ,
कौन है लाया यह खारापन ?
बता यह पानी खारा क्यूँ ??
सागर क्या किस्मत पाई ?
पानी मीठा नमकीन बना ,
नदियों का मीठा शीतल जल ,
तेरे घर में नमकीन बना ,
सागर तू भी ये ना समझा ,
बना ये पानी खारा क्यूँ ??
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