'भीगे स्वप्न'
पूनम कीचाँदनी ने किया घर उजियाला ,
रजनीगंधा ने महक कर किया दिल मतवाला ।
प्यार भरी यादों ने किसी की ,
किया हर जनम सपनीला ।
पवन के झोंके उड़ा ले गए आँचल को ,
रिमझिम बरखा भिगो गई तन मन को ,
प्यार भरी फुहारों ने किसी की ,
भिगोया हर स्वप्न मेरा ।
रात गाती चली गीत किसी की यादों के ,
महकी है शहनाई जो फूल खिले वादों के ,
प्यार भरी पुरवाई ने मेरे ,
आँगन में रिमझिम का गीत गाया ।
आया कोई भीतर प्यार की दहलीज़ पार करके ,
सूरज की पहली किरन जो बंद आँखों से झाँके ,
किरनों के जाल बुनती हुई ,
सुनहली धूप हर्षाया |
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