Thursday, September 16, 2010

Kalpdeep


      
              कल्पदीप

  जगमगाता दीप मेरे आँगन का,            
  झिलमिलाता ख्वाब मेरी आँखों का,
  प्यार की बीना से निकला सुर है तू,
   टिमटिमाता तारा मेरी रातों का ।
 

   पाया तुझे घर फूलों से महका मेरा,
   घर आँगन में पक्षी सा स्वर चहका तेरा ,
   जिन्दगी खुशहाल बनी तेरे आने से,
  झनझनाता हुआ तार मेरे साजों का ।
 

   सागर खुशियों का मिले तुझको,
   जिन्दगी रंगों से भर खिल जाए,
   हर सफलता को राह में पाते हुए ,
   कमल खिलता रहे तेरे ख्वाबों का ।
  

   खुशबुओं  से महके चमन तेरा ,
   रोशनियों से झिलमिलाए जहाँ,
   प्यार मिलता रहे सभी से तुझे,
   जगमगाता रहे हर दीप तेरी राहों का ।

   टिमटिमाता तारा मेरी रातों का ।
  पाया तुझे घर फूलों से महका मेरा,
  घर आँगन में पक्षी सा स्वर चहका तेरा ,
   जिन्दगी खुशहाल बनी तेरे आने से,
   झनझनाता हुआ तार मेरे साजों का ।
  

    सागर खुशियों का मिले तुझको,
    जिन्दगी रंगों से भर खिल जाए,
    हर सफलता को राह में पाते हुए ,
    कमल खिलता रहे तेरे ख्वाबों का ।
   

  खुशबुओं  से महके चमन तेरा ,
  रोशनियों से झिलमिलाए जहाँ,
  प्यार मिलता रहे सभी से तुझे,
  जगमगाता रहे हर दीप तेरी राहों का ।

 

 

No comments:

Post a Comment