रुनझुन हँसी
किलकती हँसी लिए ,
आया है अंश मेरी बांहों में ,
प्यार के राग सुरीले ,
छिड़ गए हैं मन की वीणा में ।
उसकी रुनझुन - सी हँसी से जीवन ,
आज गुंजित - गुंजित होता चला ,
नयनों में भरी चाँदनी छलकी जो उसके ,
अँगना भी जैसे चंदनियाता चला ,
रंगीन फूलों की रंगत से ,
रंग छलक आये दिल के बागों में ।
खनक - खनक वीणा - सी ,
दिल के तारों को छेड़ देती है ,
प्यार की किलकी नन्हीं कलियाँ ,
दिल की बगिया को महक देती हैं ,
छू के पवन जो आयी है ,
महक आ गयी है राहों में ।
अंश है ये हमारे दिल का ,
अंश है ये हमारे जीवन का ,
अंश ये प्यार की इकाई है ,
जो इस आँगन में उतर आयी है ,
अंश की चाह से भरा जीवन ,
भर गया है हमारी चाहों में ॥
किलकती हँसी लिए ,
आया है अंश मेरी बांहों में ,
प्यार के राग सुरीले ,
छिड़ गए हैं मन की वीणा में ।
उसकी रुनझुन - सी हँसी से जीवन ,
आज गुंजित - गुंजित होता चला ,
नयनों में भरी चाँदनी छलकी जो उसके ,
अँगना भी जैसे चंदनियाता चला ,
रंगीन फूलों की रंगत से ,
रंग छलक आये दिल के बागों में ।
खनक - खनक वीणा - सी ,
दिल के तारों को छेड़ देती है ,
प्यार की किलकी नन्हीं कलियाँ ,
दिल की बगिया को महक देती हैं ,
छू के पवन जो आयी है ,
महक आ गयी है राहों में ।
अंश है ये हमारे दिल का ,
अंश है ये हमारे जीवन का ,
अंश ये प्यार की इकाई है ,
जो इस आँगन में उतर आयी है ,
अंश की चाह से भरा जीवन ,
भर गया है हमारी चाहों में ॥
No comments:
Post a Comment