अँगना में
कदम - कदम बढ़ाता चाँद ,
उतरा मेरे अँगना में ,
छोटी - छोटी किरनों को ,
फैलाया मेरे अँगना में ।
शांत , दूधिया , श्वेत वर्ण ,
चमकीली - सी ये किरनें ,
फ़ैल गयीं हैं आँगन में ,
मानो फ़ैली हों जीवन में ,
भीग गया है सपना मेरा ,
इन किरनों से अँगना में ।
झंकार - सी उसकी वाणी से ,
गुंजित हुए मेरे दिल के तार ,
अंखियों के दीयों से , हुए प्रज्ज्वलित ,
राहों के हर दीप - कतार ,
श्वेत , दूधिया , नन्हीं किरनें ,
चमका गयीं फूलों को अँगना में ।
प्यार का रूप नया ,
मिल गया है इसमें ,
धड़कन साकार हुई ,
नन्हे से इस रूप में ,
अंश अपना ही खिला ,
रंगों के इस गुलशन में ॥
कदम - कदम बढ़ाता चाँद ,
उतरा मेरे अँगना में ,
छोटी - छोटी किरनों को ,
फैलाया मेरे अँगना में ।
शांत , दूधिया , श्वेत वर्ण ,
चमकीली - सी ये किरनें ,
फ़ैल गयीं हैं आँगन में ,
मानो फ़ैली हों जीवन में ,
भीग गया है सपना मेरा ,
इन किरनों से अँगना में ।
झंकार - सी उसकी वाणी से ,
गुंजित हुए मेरे दिल के तार ,
अंखियों के दीयों से , हुए प्रज्ज्वलित ,
राहों के हर दीप - कतार ,
श्वेत , दूधिया , नन्हीं किरनें ,
चमका गयीं फूलों को अँगना में ।
प्यार का रूप नया ,
मिल गया है इसमें ,
धड़कन साकार हुई ,
नन्हे से इस रूप में ,
अंश अपना ही खिला ,
रंगों के इस गुलशन में ॥
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