तितलियाँ
पवन के झूलों से , झूलती हैं डालियाँ ,
खुश्बुओं से फूलों की , महकती हैं क्यारियाँ ||
ऋतु अनुसार ही , फूलती हैं कलियाँ ,
खुश्बुओं से उनकी , महक उठती हैं गलियाँ ||
रंग - बिरंगा नज़ारा , फैलता है गुलशन में ,
उसी से तो रंगीन , हो उठती हैं क्यारियाँ ||
आँखों को सुकून , मिलता है फूलों से ,
उन्हीं पर तो फर - फर , उड़ती हैं तितलियाँ ||
तितलियों के पीछे ही , हाथ फैलाए बच्चे भागे ,
पर उनकी ना पकड़ में आयीं , रंग - बिरंगी तितलियाँ ||
देख उन बच्चों को , याद आया अपना बचपन ,
भागते थे जब हम पकड़ने , प्यारी सी तितलियाँ ||
एक भी पकड़ पाते जो , प्यारी - सी तितली ,
कौंध जाती आँखों में , हजारों बिजलियाँ ||
पवन के झूलों से , झूलती हैं डालियाँ ,
खुश्बुओं से फूलों की , महकती हैं क्यारियाँ ||
ऋतु अनुसार ही , फूलती हैं कलियाँ ,
खुश्बुओं से उनकी , महक उठती हैं गलियाँ ||
रंग - बिरंगा नज़ारा , फैलता है गुलशन में ,
उसी से तो रंगीन , हो उठती हैं क्यारियाँ ||
आँखों को सुकून , मिलता है फूलों से ,
उन्हीं पर तो फर - फर , उड़ती हैं तितलियाँ ||
तितलियों के पीछे ही , हाथ फैलाए बच्चे भागे ,
पर उनकी ना पकड़ में आयीं , रंग - बिरंगी तितलियाँ ||
देख उन बच्चों को , याद आया अपना बचपन ,
भागते थे जब हम पकड़ने , प्यारी सी तितलियाँ ||
एक भी पकड़ पाते जो , प्यारी - सी तितली ,
कौंध जाती आँखों में , हजारों बिजलियाँ ||
No comments:
Post a Comment