लुका छुपी
अनजानी नगरी के ,अनजाने रास्ते ,
लुका छुपी खेलें तो ,खेलें कहाँ ?
संगी ना साथी हैं ,सखियाँ ना दोस्त हैं ,
खेलें तो खेलें कहाँ ?
आ तो गए हैं हम ,अनजानी नगरी ,
चलती नहीं है ,भागती है नगरी ,
बगिया ना पार्क हैं ,
खेलें तो खेलें कहाँ ?
इमारतें हैं ऊँची -ऊँची ,
भीड़ है भारी यहाँ ,
आँगन ना ,दरीचे हैं ,
खेलें तो खेलें कहाँ ?
बचपन का खेल है ये ,
साथियों का मेल है ये ,
पचपन में लुका छुपी ,
बुलाओ तुम ,आओ तुम ,
खेल लें थोड़ी देर ,तो मगर ,
खेलें तो खेलें कहाँ ?
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