भर दो प्राण
चलती जाए मेरी लेखनी ,ऐसा दो वरदान ,
प्रभु जी मेरी ,लेखनी में भर दो प्राण |
शब्द हों सुंदर ,भाव भरे हों ,
जीवन की ,साँसों से भरे हों ,
पढ़ने वालों के होठों पर ,आ जाए मुस्कान ,
प्रभु जी मेरी ,लेखनी में भर दो प्राण |
प्यार में डूबे हों ,शब्द रसीले ,
हों दुलार में ,गीले - गीले ,
पढ़ने वालों की आँखों में ,आ जाए चमकान ,
प्रभु जी मेरी ,लेखनी में भर दो प्राण |
शब्दों से दिल ,धड़का जाए ,
महकी हुई सी ,राह दिखाए ,
पढ़ने वालों के दिलों में हो,मीठी सी धड़कान ,
प्रभु जी मेरी ,लेखनी में भर दो प्राण |
गीतों में मेरे ,जीवन भर जाए ,
प्यार में डूबकर ,वो छलछलाएँ ,
पढ़ने वाले उन गीतों का ,दिल से कर लें गान ,
प्रभु जी मेरी ,लेखनी में भर दो प्राण |
No comments:
Post a Comment