Monday, October 24, 2022

BHAREE - BHAREE ( AADHYATMIK )

 

                            भरी - भरी 


दिया है उसने हमको खूब ,झोली लबालब है भरी ,

नसीबा लिख दिया उसने ,राहें उजियारों से हैं भरीं | 


हम हैं नसीबों वाले ,जो थामा है उसने हाथ  ,

उसी के सहारे से तो , राहें मखमल से हैं भरीं | 


चमकते दीयों से है घर रोशन ,नयनों में चमक आई ,

इसी चमक से तो घर की हर दीवार ,चमक से है भरी  | 


कमी ना देने में उसने की ,भर - भर  के दिया उसने ,

हमने भी प्यार से ,मुस्कान से ,सब कुछ समेटा है ,

तभी तो आज दुनिया हमारी ,खुशियों से है भरी -भरी | 



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