भरी - भरी
दिया है उसने हमको खूब ,झोली लबालब है भरी ,
नसीबा लिख दिया उसने ,राहें उजियारों से हैं भरीं |
हम हैं नसीबों वाले ,जो थामा है उसने हाथ ,
उसी के सहारे से तो , राहें मखमल से हैं भरीं |
चमकते दीयों से है घर रोशन ,नयनों में चमक आई ,
इसी चमक से तो घर की हर दीवार ,चमक से है भरी |
कमी ना देने में उसने की ,भर - भर के दिया उसने ,
हमने भी प्यार से ,मुस्कान से ,सब कुछ समेटा है ,
तभी तो आज दुनिया हमारी ,खुशियों से है भरी -भरी |
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