दूजा प्यार
पहला प्यार है पिया मेरे ,मेरा पूरा परिवार है मेरे लिए ,
दूजा प्यार प्रकृति है ,जिसको रचा है ईश्वर ने |
उसने बनाया प्यार से अपनी ,इस सारी रचना को ,
प्यार से उसे रंग -रूप दिया ,प्यार से उसे सजा दिया |
वही है मेरा दूजा प्यार ,जिंदगी का जिसने किया सिंगार ,
उसी प्रकृति को प्यार की ,डोरी से बाँधा हमने |
हमने क्या ? उसी प्रकृति ने अपनी ,सुंदरता से हमें लुभाया ,
अपना बनाया ,प्यार बढ़ाया ,जीने का अंदाज सिखाया |
आओ दोस्तों ! मिलो मेरे ,इस दूजे सुंदर प्यार से ,
मेरी आस ,मेरे विश्वास से ,अगर हम प्यार और सम्मान ,
देंगे इसे ,यानि प्रकृति को ,तो वह भी देगी हमें ,
अपना प्यार ,अपना सुंदर स्वरूप ,अपनी मीठी धूप |
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