नील - धरा
झुक गया नील गगन , भरने धरा को बाँहों में ,
प्रेयसी से मिलने को आतुर , बढ़ गया राहों में ।
इंतज़ार में धरा भी , सज गयी मानो दुल्हन ,
सोच में डूबी हुई है , आएगा कब उसका सजन ?
हरी चुनरिया धरा ने ओढ़ी , रंग - बिरंगे कंगना हैं ,
रवि किरणों का जाल है गहना , नील गगन तो सजना है ।
फूलों का श्रृंगार किया है , नदिया सखी - सहेलियाँ ,
छेड़ रहीं हैं दुल्हनिया को , करती हैं अठखेलियाँ ।
अँगड़ाई ले बढ़ी धरा फिर , नील - वर्ण साजन की ओर ,
सजना भी तब आगे आया , कदम बढ़ाया सजनी ओर ।
दुनिया में साजन - सजनी , मिल ही जाते जीवन में ,
नहीं मिले हैं धरा गगन , अपने पूरे जीवन में ।
की कोशिश इस नील गगन ने , धरा से अब तो मिलने की ,
धरा भी तो बढ़ती जाती है , आस लिए है मिलने की ।
दुल्हन बनी धरा है बैठी , दूल्हा बना है नील गगन ,
आस लगाए हैं दोनों , जिस पल में हो पाए मिलन ।
झुक गया नील गगन , भरने धरा को बाँहों में ,
प्रेयसी से मिलने को आतुर , बढ़ गया राहों में ।
इंतज़ार में धरा भी , सज गयी मानो दुल्हन ,
सोच में डूबी हुई है , आएगा कब उसका सजन ?
हरी चुनरिया धरा ने ओढ़ी , रंग - बिरंगे कंगना हैं ,
रवि किरणों का जाल है गहना , नील गगन तो सजना है ।
फूलों का श्रृंगार किया है , नदिया सखी - सहेलियाँ ,
छेड़ रहीं हैं दुल्हनिया को , करती हैं अठखेलियाँ ।
अँगड़ाई ले बढ़ी धरा फिर , नील - वर्ण साजन की ओर ,
सजना भी तब आगे आया , कदम बढ़ाया सजनी ओर ।
दुनिया में साजन - सजनी , मिल ही जाते जीवन में ,
नहीं मिले हैं धरा गगन , अपने पूरे जीवन में ।
की कोशिश इस नील गगन ने , धरा से अब तो मिलने की ,
धरा भी तो बढ़ती जाती है , आस लिए है मिलने की ।
दुल्हन बनी धरा है बैठी , दूल्हा बना है नील गगन ,
आस लगाए हैं दोनों , जिस पल में हो पाए मिलन ।
Wonderful stuff again! Do keep it up!
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