स्वागत
सागर तेरी लहर चंचला , आयीं स्वागत को मेरे ,
आगे बढ़ बाहें फैलाकर , प्यार समेटे हों जैसे ।
ये लहरें दिल की धड़कन हैं , मेरे प्यारे सागर की ,
जीत लिया है दिल मेरा भी , संग - संग में सागर तेरे ।
ऊँची - ऊँची शोर भरी - सी , इन लहरों की गर्जन में ,
सागर तू तो डूब गया है , साथ लिए हों ज्यूँ फेरे ।
सागर के दिल की धड़कन , सुनी है मैंने लहरों में ,
साथ मिला दी धड़कन अपनी , प्यार भरे दिल ने मेरे ।
साथ अगर तू आता सागर , भर लेती मैं बाँहों में ,
साथ - साथ ही मिल जाते , धड़कते दिल तेरे मेरे ।
खारा पानी कहते तुझको , लोग बहुत अनजाने हैं ,
मंद -अक्ल ये नहीं जानते , मीठे बहुत बयन तेरे ।
इस सागर से जुड़ी दोस्ती , जाने और अनजानों की ,
चाहत कहाँ बदल जाती है , वह तो रहती है घेरे ।
इन चंचल लहरों के जैसे , सागर तुम भी कदम बढ़ाओ ,
तुम बाँहें फैलाओ तो , सागर स्वागत में मेरे ।
नहीं रुकुंगी , बढ़ती आऊँगी , सागर मैं तेरी बाँहों में ,
प्यार मिलेगा गर सागर तो , कदम बढेंगे खुद मेरे ।
सागर तेरी लहर चंचला , आयीं स्वागत को मेरे ,
आगे बढ़ बाहें फैलाकर , प्यार समेटे हों जैसे ।
ये लहरें दिल की धड़कन हैं , मेरे प्यारे सागर की ,
जीत लिया है दिल मेरा भी , संग - संग में सागर तेरे ।
ऊँची - ऊँची शोर भरी - सी , इन लहरों की गर्जन में ,
सागर तू तो डूब गया है , साथ लिए हों ज्यूँ फेरे ।
सागर के दिल की धड़कन , सुनी है मैंने लहरों में ,
साथ मिला दी धड़कन अपनी , प्यार भरे दिल ने मेरे ।
साथ अगर तू आता सागर , भर लेती मैं बाँहों में ,
साथ - साथ ही मिल जाते , धड़कते दिल तेरे मेरे ।
खारा पानी कहते तुझको , लोग बहुत अनजाने हैं ,
मंद -अक्ल ये नहीं जानते , मीठे बहुत बयन तेरे ।
इस सागर से जुड़ी दोस्ती , जाने और अनजानों की ,
चाहत कहाँ बदल जाती है , वह तो रहती है घेरे ।
इन चंचल लहरों के जैसे , सागर तुम भी कदम बढ़ाओ ,
तुम बाँहें फैलाओ तो , सागर स्वागत में मेरे ।
नहीं रुकुंगी , बढ़ती आऊँगी , सागर मैं तेरी बाँहों में ,
प्यार मिलेगा गर सागर तो , कदम बढेंगे खुद मेरे ।
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