बदली
जो मैं बदली होती चंदा ,
आँचल में छुपा लेती तुझको ,
नन्हें - नन्हें तारों से चंदा ,
सुंदर सा सजा लेती खुद को ॥
उड़ती रहती इधर - उधर ,
यहाँ - वहाँ और जहाँ - तहाँ ,
रुकती ना पल भर भी चंदा ,
दोस्त बना लेती सबको ॥
नील गगन है बड़ा सा अँगना ,
चाहे जितना दौड़ो तुम ,
रंग - रंग के इन्द्रधनुष हैं ,
रंग जाते हैं जो सबको ॥
सूरज से तपती धरा अगर ,
व्याकुल हो जाते जीव सभी ,
ऐसे में चंदा तब मैं ही ,
शीतल छाया देती सबको ॥
आजा चंदा हम खेलें अब ,
छुप जाओ मेरे आँचल में ,
ना देखे सारा जग तुमको ,
केवल तुम देख पाओ सबको ॥
जो मैं बदली होती चंदा ,
आँचल में छुपा लेती तुझको ,
नन्हें - नन्हें तारों से चंदा ,
सुंदर सा सजा लेती खुद को ॥
उड़ती रहती इधर - उधर ,
यहाँ - वहाँ और जहाँ - तहाँ ,
रुकती ना पल भर भी चंदा ,
दोस्त बना लेती सबको ॥
नील गगन है बड़ा सा अँगना ,
चाहे जितना दौड़ो तुम ,
रंग - रंग के इन्द्रधनुष हैं ,
रंग जाते हैं जो सबको ॥
सूरज से तपती धरा अगर ,
व्याकुल हो जाते जीव सभी ,
ऐसे में चंदा तब मैं ही ,
शीतल छाया देती सबको ॥
आजा चंदा हम खेलें अब ,
छुप जाओ मेरे आँचल में ,
ना देखे सारा जग तुमको ,
केवल तुम देख पाओ सबको ॥
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