तू कहाँ ?
चाँद है तू कहाँ ?
आज तो आजा यहाँ ,
आज घूमेंगे हम ,
मिल के झूमेंगे हम ॥
फूल हैं हर तरफ ,
रंग हैं हर तरफ ,
तितलियों की तरह ,
मिल के खेलेंगे हम ॥
प्यार बिखरा यहाँ ,
उसको ढूँढे कहाँ ?
आज अपने दिलों में ,
समेटेंगे हम ॥
तू अकेला वहाँ ,
ऊँचे आकाश में ,
आजा - आजा यहाँ ,
मिल के रह लेंगे हम ॥
घूमता क्यों फिरे ?
सारी - सारी रात में ,
दिन में रहता कहाँ ?
आजा साथ होंगे हम ॥
जिन्दगी मिल बिताएँ ,
इस भरे संसार में ,
इस जहां में नन्हीं - नन्हीं ,
खुशियाँ बटोर लेंगे हम ॥
चाँद है तू कहाँ ?
आज तो आजा यहाँ ,
आज घूमेंगे हम ,
मिल के झूमेंगे हम ॥
फूल हैं हर तरफ ,
रंग हैं हर तरफ ,
तितलियों की तरह ,
मिल के खेलेंगे हम ॥
प्यार बिखरा यहाँ ,
उसको ढूँढे कहाँ ?
आज अपने दिलों में ,
समेटेंगे हम ॥
तू अकेला वहाँ ,
ऊँचे आकाश में ,
आजा - आजा यहाँ ,
मिल के रह लेंगे हम ॥
घूमता क्यों फिरे ?
सारी - सारी रात में ,
दिन में रहता कहाँ ?
आजा साथ होंगे हम ॥
जिन्दगी मिल बिताएँ ,
इस भरे संसार में ,
इस जहां में नन्हीं - नन्हीं ,
खुशियाँ बटोर लेंगे हम ॥
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