Monday, March 21, 2022

BHAASHA OR BHAVANA ( KSHANIKA )

 

       भाषा और भावना 

 

जन्म लिया था जब हमने ,

सुनी थी भाषा माता की ,

वही शब्द थे हमने जाने ,

वही शब्द तो हमने पहचाने | 

 

सुनी निरंतर वह भाषा ,

समझ में आई वह भाषा ,

 बाद में दोस्तों वही भाषा ,

कहलाई हमारी मातृभाषा | 


पढ़ने -लिखने में भी बंधु ,

वही सीखी -सिखाई मातृभाषा ,

मगर अनजानी ही रही ,

अलग -अलग प्रान्त भाषा | 


मगर एक तरीका था ,

एक अलग चुनाव था ,

अनुवाद का ,उसी के जरिए ,

पढ़ीं ,अलग -अलग प्रान्त भाषा | 


मातृभाषा से अलग बंधु ,

भाई हमें मातृभावना ,

भावना शब्द की गहराई में डूबे ,

भाई हमें हर रिश्ते की भावना | 


भावना ,भाषा जैसी नहीं ,

इसका कोई अनुवाद नहीं ,

समझे हम इसको ऐसे ,

मानो दिल में समाई जैसे | 


समझो ये तुम भी बंधु ,

हर रिश्ते की भावना को ,

कोई भी तुम्हें नहीं देगा ,

अनुवाद करके भावना को | 


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