गुनगुनी
कंदराओं में फिरूं मैं ,घूमती सी अनमनी ,
जिंदगी का साज छेड़ूँ ,घूमती सी अनमनी |
दीये की लौ सी मैं लहकूँ ,दूँ प्रकाश सभी को ,
सागर की लहरों सी चहकूँ ,घूमती सी अनमनी |
कलियों का राज है चमन में ,रंगों में खिलता है चमन ,
मैं तो फूलों जैसी महकूँ ,घूमती सी अनमनी |
नदियों की धारा है बहती ,पर्वतों से नीचे की ओर ,
मैं सदा नीचे ही रहती ,घूमती सी अनमनी |
जिंदगी सबकी चहकती ,इस जहां की ताल पर ,
मेरे दिल की धड़कन तो चलती ,घूमती सी अनमनी |
आज इस संसार में ,तू है मेरा हमसफ़र ,
मैं भी तेरी हमसफ़र हूँ ,डूबती सी चुनमुनी |
प्यार हम दोनों का जानम ,है अमर संसार में ,
तू भी ,मैं भी ,दोनों ही ,हो गए हैं गुनगुनी |
बदरा जब बरसे हैं जानम ,दोनों भीगे हैं खूब ,
बदरा का था पानी कम ,प्यार की बरखा घनी |
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