Tuesday, March 1, 2022

KHEL LAHARON KE ( RATNAKAR )

 

                       खेल लहरों के 

 

सागर की लहरें लहरातीं ,

शोर मचाकर सबको बुलातीं ,

आओ खेलो साथ हमारे ,

हम सब मिल कर तुम्हें पुकारें | 

 

हम हैं चंचल - चंचल लहरें,

सागर की हैं हम तो प्रहरी ,

तुम आओ और हम को पकड़ो ,

देखो तो हम तुम्हें हराएँ | 

 

रत्नाकर की प्रहरी बन कर ,

दोस्त तुम्हारी हम बन जाएँ ,

प्यार - प्यार से मुस्कानों से ,

हम तो तुम को खेल खिलाएँ | 

 

आओगे गर अँगना हमारे ,

हम सब मिल कर खेलेंगे ,

हम हैं प्यारी - प्यारी लहरें ,

खुशियों से झोली भर देंगे |

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