खेल लहरों के
सागर की लहरें लहरातीं ,
शोर मचाकर सबको बुलातीं ,
आओ खेलो साथ हमारे ,
हम सब मिल कर तुम्हें पुकारें |
हम हैं चंचल - चंचल लहरें,
सागर की हैं हम तो प्रहरी ,
तुम आओ और हम को पकड़ो ,
देखो तो हम तुम्हें हराएँ |
रत्नाकर की प्रहरी बन कर ,
दोस्त तुम्हारी हम बन जाएँ ,
प्यार - प्यार से मुस्कानों से ,
हम तो तुम को खेल खिलाएँ |
आओगे गर अँगना हमारे ,
हम सब मिल कर खेलेंगे ,
हम हैं प्यारी - प्यारी लहरें ,
खुशियों से झोली भर देंगे |
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