Wednesday, November 30, 2022

IMTIHAAN PREM KAA ( GEET )

 

                      इम्तिहान प्रेम का 


सब जगह है इम्तिहान ,तभी  प्रवेश मिलता ,

स्कूल हो या कॉलेज ,सबका एक ही रस्ता | 


पढ़ाई शुरु करें ,तभी इम्तिहान होता ,

पढ़ाई की एक सीढ़ी चढ़ें ,तभी इम्तिहान होता , 

हर बार भारी होता जाता ,हमारा तो बस्ता | 


क्या प्रेम में भी दोस्तों ? होगा कोई इम्तिहान ,

उसमें भी शामिल होगा क्या ? सारा ये जहान ,

उसके लिए दोस्तों ,कैसा होगा रस्ता ? 


दोस्ती और प्रेम में ,क्या प्रश्न पूछे जाएँगे ? 

उसमें पास होने को ,उत्तर कहाँ से आएँगे ? 

बिना किताबों के ही होगा ,भारी हमारा बस्ता | 


Monday, November 28, 2022

SHABD KAA BHAAV ( JIVAN )

 

           शब्द का भाव 


शब्दों का संसार बड़ा अनोखा ,

पढ़ो जब ,तब लगे वह ,बहुत ही चोखा | 


एक शब्द के अर्थ अनेक ,

मगर सभी लगते हैं एक ,

प्यार शब्द में समा गए हैं ,

प्रेम ,ममत्व ,स्नेह ,अपनत्व सभी ,

मगर अर्थ है इनका एक | 


शब्द रात को ले लो तो ,

रजनी ,निशा ,रात्रि है वो ,

विश्राम का दूसरा नाम है वो ,

नींद में डूबे हुए ,सपनों का संसार है वो | 


शब्द पानी को ले लो तो ,

जल ,नीर ,सलिल ,तोय है सब ,

जीवन देने वाला है वो ,

जीवन रचने वाला है ,

जीवन का आधार है वो | 


मगर शब्द भाव को ले लो तो ,

सभी कुछ छिपा है भाव में ,

अपनों का प्यार ,सारा संसार ,

उसमें तो अपनत्व छिपा है ,

अपनों की परवाह बसी है ,

भाव बड़ा है शब्दों से ,

भाव सुंदर ,बहुत सुंदर है शब्दों से | 



Thursday, November 24, 2022

TOHAFAA MUSKAAN KA ( JIVAN )

 

                     तोहफा मुस्कान का 


इंसान जो कल परसों था ,वही आज भी है ,

मगर स्वभाव जो पहले था ,वह आज नहीं है | 


हवाएँ जो कल परसों थीं ,वही आज भी हैं ,

मगर उनकी गति जो पहले थी ,वह आज नहीं है | 


सूरज जो बरसों पहले था ,वही आज भी है ,

मगर उसकी तपिश जो पहले थी ,वह आज नहीं है | 


परिवर्तन जो पहले होते थे ,आज भी होते हैं ,

परिस्थितियाँ पहले की तरह ,आज भी बदलती हैं | 


कुछ परिवर्तन ,मुस्कानों को बढ़ा देते हैं ,

कुछ परिस्थितियाँ ,मुस्कुराहटों को बढ़ा देती हैं ,

हर परिवर्तन पर ,हर परिस्थिति में ,

मुस्कानों को कम ना होने दो दोस्तों ,

बढ़ने और खिलने दो मुस्कानों को ,

मुस्कान का यह तोहफा ,

ईश्वर ने सिर्फ इंसानों को ही दिया है दोस्तों | 


Monday, November 21, 2022

IMTIHAAN ( AADHYATMIK )

 

                     इम्तिहान 


" जिंदगी इम्तिहान लेती है " ये गीत बहुत सुंदर है ,

चलिए देखते हैं कैसे ? 

जिंदगी कैसे लेती है इम्तिहान ? 

कौन जिंदगी में पढ़ाता है ? 

कौन पाठ्यक्रम बनाता है ? 

कौन है जो जिंदगी में हमको ,रास्ता दिखाता है ? 


वही रचनाकार ,जिसने ब्रह्मांड बनाया ,

वही रचनाकार ,उसी ने हमें बनाया ,

वही रचनाकार ,जिसने हमारा पालना झुलाया ,

हमें खिलाया -पिलाया , चलना सिखाया ,

वही तो पाठ्यक्रम बनाता है ,हमें पढ़ाता है ,

 वही तो  रास्ता दिखाता है | 


वही सफलता की कुंजी हमारे ,हाथ में थमाता है ,

प्यार वो सिखाता है ,विश्वास वो जगाता है ,

हमारे कर्मों के फल को ,वही तो जिलाता है ,

उसी के बनाए , प्रश्न - पत्रों को लिखें हम ,

उससे अच्छे नंबर ,प्राप्त करें हम | 


वही तो मंजिल तक ले जाएगा ,

हमारे दुःख दूर करके ,सुखी हमें बनाएगा ,

हम पे प्रेम ,प्यार बरसाएगा ,

चिंता - मुक्त करके ,चैन की नींद सुलाएगा | 


आओ उसे ,धन्यवाद करें हम ,

हरदम उसे प्रणाम करें हम ,नमन करें हम | 


Saturday, November 19, 2022

ANUBHAV ( JIVAN )

 

                         अनुभव 


पल -पल समय बीतता जाता ,

पीछे छोड़ता जाता निशान ,

ऐसे ही पल -पल जीवन ,

मानो वह उड़ता जाता ,

जो निशान छूटते पीछे ,

वह ही तो है अनुभव बंधु | 


अनुभव ना तो हाट बिकाय ,

ना बिकता बाजार में ,

ना पैसों से मिलता बंधु ,

ना रुपयों की खान से ,

पल -पल जीवन खर्च करो ,

तब मिलता अनुभव बंधु | 


अपनी उम्र बिताय के ,

जो अनुभव मिल जाय ,

वही तो असली अनुभव है ,

जो सारे राज दिखाय ,

मगर सच्चा अनुभव तो ,

अपनों को असली राह दिखाय | 


जीवन भर की यह कमाई ,

खान बड़ी बन जाय ,

पग -पग पर जो चलें हम  ,

उसकी राह बताय ,

पकड़े जो उस राह को ,

लाभ वही तो पाय | 


बीत जाय सारा जीवन ,

तब अनुभव की खान भरे ,

रीत जाय सारा जीवन ,

तब अनुभव की खान भरे ,

जो दूजे के अनुभव से लाभ उठाय ,

उसे लाभ सारा का सारा ,

बिन मोल मिल जाय |  


Monday, November 14, 2022

HAMEN YAAD KARANAA ( KSHANIKA )

 

                हमें याद करना 


समय के चलते - चलते ,सब कुछ है बदलता ,

कभी समय था जब मानव ,चार पैर पर चलता ,

धीरे - धीरे मानव ने ,किया विकास जीवन में ,

और आगे मानव ,चार पहियों पे चलता | 


धीरे - धीरे बिजली जगमगाई ,घर - घर में ,

टी.वी.,कम्प्यूटर आए ,घर - घर में ,

दूर देश के कार्यक्रम , देखे जा  सकते कहीं भी ,

जब टी. वी.,कम्प्यूटर ,घर - घर में हैं चलते | 


पचास साल पहले की दुनिया ,

आज की दुनिया जैसी नहीं थी दोस्तों ,

फिर आज से पचास साल आगे की दुनिया ,

कैसी होगी ? क्या पता ? उस समय क्या चलेगा ? 


बैलगाड़ियों के  जमाने ,से निकल कर हम ,

बुलेट ट्रेन ,हवाई जहाज़ों को ,कर दर किनार ,

अंतरिक्ष में चाँद और मंगल तक पहुँचे हैं ,

आगे  पहुँचेंगे ? कुछ पता नहीं है चलता | 

 

बचपन में मैनड्रेक  की ,कहानी पढ़ी थी हमने ,

मैनड्रेक एक स्थान से दूसरे स्थान पर ,

बिना वाहन के पहुँच जाता था ,

क्या पता अब से पचास साल बाद ?

मानव भी उसी  प्रकार बिना वाहन,

एक स्थान से दूसरे स्थान तक चलायमान हो ? 

 

सोच लो दोस्तों 2070 में ,दुनिया कैसी होगी ?

आज के मुकाबले क्या बदलाव होंगे ? 

हम तो उस समय नहीं होंगे ,मगर हमारे विचारों को ,

याद रखना ,और बदलाव देख ,हमें याद करना दोस्तों | 

 

Saturday, November 12, 2022

JEEVNODDHHAR ( JALAD AA )

 

                        जीवनोद्धार  


बदरा आया उड़ - उड़ के ,

गहरे नीले आसमान में ,

लहराती ,बलखाती आई दामिनी ,

सबने मिलकर दुनिया को गुँजाया | 

 

रुक जा बदरा ,जरा थम जा तू  ,

बरखा को नीचे भेज रे ,

बरखा जो नीचे आएगी तो ,

धरा की प्यास बुझा रे | 


प्यास जो धरा की बुझेगी ,

तो हरियाली फूटेगी और ,

खेत सभी लहराएँगे ,और उनको देख के ,

सभी के दिल हर्षाएँगे | 


तृप्त धरा के हरे आँचल में ,

छिप जाएँगे सभी जीव फिर ,

तर जाएँगे लेकर प्यार ,

धरा की फसलों से होगा ,जीवनोद्धार फिर | 


Thursday, November 10, 2022

KARM HAMAARE ( JIVAN )

 

                           कर्म हमारे 


एक कहावत है दुनिया में ---- ,

" क्या लेकर आए थे ? और क्या लेकर जाना है ? 

खाली हाथ आए थे ,और खाली हाथ जाना है | 

 

रचनाकार ने जो किस्मत लिखी है ,

वही तेरा खजाना है ,

उसी के अनुसार तूने जीवन बिताना है | 

 

हाथ खाली जरूर थे ,मगर किस्मत में ,

क्या लिखा गया था ? ये किसी को पता नहीं है ? 

 

दुनिया में आकर ,जो कर्म हमने किए ,

जो प्यार हमने बाँटा ,मुस्कानें जो बाँटी ,

उसी प्यार और मुस्कानों का खजाना है | 

 

एक दिल देकर भेजा था ,हमें इस संसार में ,

अपने कर्मों के खजाने में ,दिलों का भंडार ,

हम साथ अपने रखते हैं | 

 

अपने कर्मों का फल ,जो हमने जीवन में ,

एक खजाना संजोया है ,

उसी को साथ लेकर जाना है ,

हाथ खाली हैं मगर वो खजाना ,

तो हमारे रचनाकार तक पहुँचा है ,

हमारे कर्मों का ,

लेखा - जोखा तो वहाँ पहुँच रहा है | 

 



Wednesday, November 9, 2022

SINGAAR ( RATNAKAR )

         

              सिंगार 


सागर तेरी लहरों का संगीत मधुर है ,

संगीत मधुर है ,हर गीत मधुर है ,

तेरे  और मेरे जीवन की ,

हर साँस और उच्छ्वास मधुर है  | 


तेरी लहरें हैं छम -छम करतीं ,

सब के ही दिलों में वो बसतीं ,

सागर तेरी गहराइयाँ भी तो ,

लहरों के गीतों को प्यार करतीं | 


सागर हर कदम पर तू मददगार है ,

तू तो जैसे धरा का सिंगार है ,

धरा तुझसे पाए जीवन के अनेक रस्ते ,

उन रस्तों में खड़ा है तू रत्नों का भंडार है | 


Monday, November 7, 2022

CHUSKIYAN - MUSKIYAN ( KSHANIKA )

 

              चुस्कियाँ - मुस्कियाँ 


दूध चला आया घर में ,पानी भी तो आ गया ,

मिलाई गयी चाय की पत्ती ,चीनी को डाला गया ,

लो जी चाय तैयार हो गई | 


समझे कुछ दोस्तों ,दूध ,पानी पुर्लिंग हैं ,

चीनी ,चाय की पत्ती हैं स्त्रीलिंग ,

मगर चाय तो बनी ( स्त्रीलिंग ) | 


दूध को उबाला गया ,

कॉफी पाउडर मिलाकर ,फेंटा गया ,

चीनी मिलाई तो ,

लो जी कॉफी तैयार हो गई | 


अब आई समझ में बात ,

दूध ,कॉफी पाउडर पुर्लिंग हैं ,

चीनी स्त्रीलिंग ,

कॉफी बनी  ( स्त्रीलिंग  ) | 


ले लो सभी ,चाय - कॉफी की चुस्कियाँ ,

और मार लो मुस्कियाँ ,मार लो मुस्कियाँ | 


Sunday, November 6, 2022

MUSKAAN LIE CHANDA ( CHANDRMA )

 

                           मुस्कान लिए चंदा 


नींद से आँखें खुलने पर ,

देखा चंदा खड़ा है सामने ,

लिए मुस्कान चेहरे पर ,

हो गई मैं हैरान देख सामने | 


अरे ! सखा तुम कब आए ? 

सखि ,दिन बीतते जाते ,यूँ ही व्यस्तता में ,

आज समय मिल गया ,तो सोचा ,

दूँ सरप्राइज़ ,हो खड़ा सामने | 


अच्छा किया सखा ये तुमने ,

मैं भी खुश हूँ तुम्हें देख कर ,

मैं लाती हूँ चाय बनाकर ,

बातें करेंगे दोनों बैठ सामने | 


उठी मैं लाई चाय बनाकर ,

बैठ गए हम दोनों बंधु ,

चाय के सिप कम ,बातें ज्यादा ,

जब तक कोई ना आया रोकने | 


हम दोनों जब भी मिलते हैं ,

ऐसे ही बातें करते हैं ,

अपने दिल का हाल बताते ,

फिर लगते हैं दूसरे का जानने | 

 

Saturday, November 5, 2022

DAVAAIYAAN MUFT KI ( JIVAN )

 

                     दवाइयाँ मुफ्त की 


सुबह सवेरे उठो भोर में ,सैर करो खुली हवा में ,

प्राण -वायु को अंदर ले लो ,भर लो अपनी साँसों में | 


कसरत बहुत जरूरी है ,रोज सवेरे कर लो तुम ,

शरीर की हर माँस -पेशी को ,चुस्त -दुरुस्त कर लो तुम | 


परिवार के साथ जुड़ो तुम ,भोजन साथ में खाओ तुम ,

ऐसा करके भोजन को ,अच्छे से पचाओ तुम | 


भोजन के संग साप्ताहिक ,व्रत को खूब निभाओ तुम ,

कोई भी एक दिन चुन करके ,व्रत का साथ निभाओ तुम | 


हर पल मुस्कान हो चेहरे पर ,दिल खुशियों में डूबा हो ,

ऐसे ही समय बनेगा सुंदर ,जीवन खुशियों से भर पाओ तुम | 


हँसी -मजाक में समय कटे ,अपनों संग जीवन स्वस्थ कटे ,

जितना भी हो सके जीवन में ,सहयोग से जीवन बिताओ तुम | 


कोई कुछ भी कड़वा बोले ,दवा समझ पी जाओ तुम ,

ऐसे में चुप्पी रखना ही ,दवा समझ लो बंधु तुम | 


ऐसा करने से ही बंधु,निद्रा गहरी आएगी ,

वह तुमको सपनों में ही ,दुनिया खूब घुमाएगी | 


दोस्त बनाओ अपने और ,मिलना -जुलना किया करो ,

बाकि सब तो बनें दवाई ,दोस्त तो दुकान का काम करे ,

सभी का अनुसरण करके अपनी ,प्रतिक्रिया दिखाओ तुम ,

ये दवाइयाँ हैं मुफ्त की ,इन्हें सदा अपनाओ तुम | 


Thursday, November 3, 2022

PYAAREE BEENA ( GEET )

 

                    प्यारी बीना 


मैं हूँ एक प्यार भरी बीना ,

झंकृत नहीं होती ,जब तक छेड़ो ना ,

तान निकलेगी मेरे तारों से ,

उसको दिल लगा के तुम सुनो ना ,

मैं हूँ एक प्यार भरी बीना | 


साजों की महफ़िल में सजाया मुझको ,

तुमने हर दिल में बसाया मुझको ,

प्यार से तुमने हर जगह बसाया मुझको ,

आज तुम प्यार से झंकार मेरी सुनो ना ,

मैं हूँ एक प्यार भरी बीना || 


हरेक साज मेरा दोस्त बन गया है अब ,

सारे साजों की सज गई है महफ़िल अब ,

तुम भी बैठे रहो इस महफ़िल में अब ,

हमारे साथ ही तुम भी गुनगुना लो ना ,

मैं हूँ एक प्यार भरी बीना  |||