तोहफा मुस्कान का
इंसान जो कल परसों था ,वही आज भी है ,
मगर स्वभाव जो पहले था ,वह आज नहीं है |
हवाएँ जो कल परसों थीं ,वही आज भी हैं ,
मगर उनकी गति जो पहले थी ,वह आज नहीं है |
सूरज जो बरसों पहले था ,वही आज भी है ,
मगर उसकी तपिश जो पहले थी ,वह आज नहीं है |
परिवर्तन जो पहले होते थे ,आज भी होते हैं ,
परिस्थितियाँ पहले की तरह ,आज भी बदलती हैं |
कुछ परिवर्तन ,मुस्कानों को बढ़ा देते हैं ,
कुछ परिस्थितियाँ ,मुस्कुराहटों को बढ़ा देती हैं ,
हर परिवर्तन पर ,हर परिस्थिति में ,
मुस्कानों को कम ना होने दो दोस्तों ,
बढ़ने और खिलने दो मुस्कानों को ,
मुस्कान का यह तोहफा ,
ईश्वर ने सिर्फ इंसानों को ही दिया है दोस्तों |
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