Saturday, November 12, 2022

JEEVNODDHHAR ( JALAD AA )

 

                        जीवनोद्धार  


बदरा आया उड़ - उड़ के ,

गहरे नीले आसमान में ,

लहराती ,बलखाती आई दामिनी ,

सबने मिलकर दुनिया को गुँजाया | 

 

रुक जा बदरा ,जरा थम जा तू  ,

बरखा को नीचे भेज रे ,

बरखा जो नीचे आएगी तो ,

धरा की प्यास बुझा रे | 


प्यास जो धरा की बुझेगी ,

तो हरियाली फूटेगी और ,

खेत सभी लहराएँगे ,और उनको देख के ,

सभी के दिल हर्षाएँगे | 


तृप्त धरा के हरे आँचल में ,

छिप जाएँगे सभी जीव फिर ,

तर जाएँगे लेकर प्यार ,

धरा की फसलों से होगा ,जीवनोद्धार फिर | 


No comments:

Post a Comment