अनुभव
पल -पल समय बीतता जाता ,
पीछे छोड़ता जाता निशान ,
ऐसे ही पल -पल जीवन ,
मानो वह उड़ता जाता ,
जो निशान छूटते पीछे ,
वह ही तो है अनुभव बंधु |
अनुभव ना तो हाट बिकाय ,
ना बिकता बाजार में ,
ना पैसों से मिलता बंधु ,
ना रुपयों की खान से ,
पल -पल जीवन खर्च करो ,
तब मिलता अनुभव बंधु |
अपनी उम्र बिताय के ,
जो अनुभव मिल जाय ,
वही तो असली अनुभव है ,
जो सारे राज दिखाय ,
मगर सच्चा अनुभव तो ,
अपनों को असली राह दिखाय |
जीवन भर की यह कमाई ,
खान बड़ी बन जाय ,
पग -पग पर जो चलें हम ,
उसकी राह बताय ,
पकड़े जो उस राह को ,
लाभ वही तो पाय |
बीत जाय सारा जीवन ,
तब अनुभव की खान भरे ,
रीत जाय सारा जीवन ,
तब अनुभव की खान भरे ,
जो दूजे के अनुभव से लाभ उठाय ,
उसे लाभ सारा का सारा ,
बिन मोल मिल जाय |
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