दवाइयाँ मुफ्त की
सुबह सवेरे उठो भोर में ,सैर करो खुली हवा में ,
प्राण -वायु को अंदर ले लो ,भर लो अपनी साँसों में |
कसरत बहुत जरूरी है ,रोज सवेरे कर लो तुम ,
शरीर की हर माँस -पेशी को ,चुस्त -दुरुस्त कर लो तुम |
परिवार के साथ जुड़ो तुम ,भोजन साथ में खाओ तुम ,
ऐसा करके भोजन को ,अच्छे से पचाओ तुम |
भोजन के संग साप्ताहिक ,व्रत को खूब निभाओ तुम ,
कोई भी एक दिन चुन करके ,व्रत का साथ निभाओ तुम |
हर पल मुस्कान हो चेहरे पर ,दिल खुशियों में डूबा हो ,
ऐसे ही समय बनेगा सुंदर ,जीवन खुशियों से भर पाओ तुम |
हँसी -मजाक में समय कटे ,अपनों संग जीवन स्वस्थ कटे ,
जितना भी हो सके जीवन में ,सहयोग से जीवन बिताओ तुम |
कोई कुछ भी कड़वा बोले ,दवा समझ पी जाओ तुम ,
ऐसे में चुप्पी रखना ही ,दवा समझ लो बंधु तुम |
ऐसा करने से ही बंधु,निद्रा गहरी आएगी ,
वह तुमको सपनों में ही ,दुनिया खूब घुमाएगी |
दोस्त बनाओ अपने और ,मिलना -जुलना किया करो ,
बाकि सब तो बनें दवाई ,दोस्त तो दुकान का काम करे ,
सभी का अनुसरण करके अपनी ,प्रतिक्रिया दिखाओ तुम ,
ये दवाइयाँ हैं मुफ्त की ,इन्हें सदा अपनाओ तुम |
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