कर्म हमारे
एक कहावत है दुनिया में ---- ,
" क्या लेकर आए थे ? और क्या लेकर जाना है ?
खाली हाथ आए थे ,और खाली हाथ जाना है |
रचनाकार ने जो किस्मत लिखी है ,
वही तेरा खजाना है ,
उसी के अनुसार तूने जीवन बिताना है |
हाथ खाली जरूर थे ,मगर किस्मत में ,
क्या लिखा गया था ? ये किसी को पता नहीं है ?
दुनिया में आकर ,जो कर्म हमने किए ,
जो प्यार हमने बाँटा ,मुस्कानें जो बाँटी ,
उसी प्यार और मुस्कानों का खजाना है |
एक दिल देकर भेजा था ,हमें इस संसार में ,
अपने कर्मों के खजाने में ,दिलों का भंडार ,
हम साथ अपने रखते हैं |
अपने कर्मों का फल ,जो हमने जीवन में ,
एक खजाना संजोया है ,
उसी को साथ लेकर जाना है ,
हाथ खाली हैं मगर वो खजाना ,
तो हमारे रचनाकार तक पहुँचा है ,
हमारे कर्मों का ,
लेखा - जोखा तो वहाँ पहुँच रहा है |
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