घर मेरे
सागर तू आ घर मेरे ,घर मेरा छोटा सा है ,
पर दिल में है जगह बहुत ,समा जा तू दिल में मेरे |
तू तो बहुत बड़ा है सागर ,तेरा बहुत बड़ा आगर ,
मगर मैं उसमें आ ना सकूँ ,डूब जाऊँगी पानी में रे |
मेरे घर तू आएगा ,पर उसमें नहीं समाएगा ,
प्यार समझ तू मेरा सागर ,आजा तू तो घर मेरे |
रत्नों को तू छोड़ वहाँ ,जीवों को तू छोड़ वहाँ ,
आजा दो पल को ही अकेला ,देख तो ले तू घर मेरे |
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