Tuesday, March 7, 2023

NAYANON MEIN ( PREM )

 

                           नयनों में 


मेरे नयनों में तुम समाए हो ,कोईजगह ना तुम बचाए हो ,

रात को नींद भी नहीं आती ,पूछा तो कहती है ,

कि जगह ही नहीं इतनी ,कैसे आऊँ मैं तेरे नयनों में ? 


मेर नयनों में तुम समाए हो ,कोई जगह ना तुम बचाए हो ,

एक आँसू जो टपका नयनों से ,मैंने पूछा, तो वह बोला ,

कि जगह ही नहीं इतनी ,कैसे ना मैं टपकने से रुक जाता ?


मेर नयनों में तुम समाए हो ,कोई देख ले ना तुम्हें ,

पलकें खुद ही झपक जाती हैं ,होठों पे मुस्कान उभर आती है | 


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