काश ही
ऊपर वाले ने दिया हमें जीवन ,
जीवन को पाला - पोसा ,उसी रचनाकार ने ,
माँगा नहीं हमने कुछ उससे ,
मगर वो देता गया ,देता चला गया ,
जो कुछ हमारे लिए अच्छा था ,
हमारेआँचल को खुशियों से भरता चला गया |
आज हम जो कुछ हैं ,उसी की बदौलत हैं बंधु ,
उसी ने लिखाया ,पढ़ाया और दौड़ना सिखाया ,
आज खुशहाल परिवार और जीवन है ,
काश एक बार ,उस रचनाकार के दर्शन होते ,
मगर काश तो काश ही रहता है ,काश ही रहता है |
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