रंग होली के
रंग होली के नहीं गहरे हैं ,
प्यार के रंगों से |
गीत पर कोई ना पहरे हैं ,
दिल की सरगमों के |
रुकते ही जा रहे हैं ,
पलकों में ये मुस्कुराते पल ,
जीवन की सरहदों पर ,
जीवंत हुए जो कल ,
थामे जो हाथ मेरा तेरा ,
आए हैं वही छिन उमंगों के |
बदरा बने हैं छत ,
तेरे मेरे अंगना की ,
बनी पुरवाई मीठी बयार ,
तेरे मेरे अंगना की ,
लहरा दे जो आँचल को ,
लाए जो मखमली तरंगों को |
सिंदूरी आभा चमकी जो गगन पर ,
जीवंत हुई सृष्टि ,
कोंपलों ने दिया नया रूप ,
चमक उठी दृष्टि ,
रूप के इस यौवन पर ,
मचल उठी तटिनी साथ ले अपनी लहरों को |
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