सागर
आओ सागर तुम आकर , मेरी कुटिया में सो जाओ ,
सपनों का संसार समेटे , तुम निंदिया में खो जाओ |
रिमझिम -रिमझिम बूँदें बरसीं , बूँदों से फिर धार बनी ,
धार बनी बहती नदिया , नदिया जा सागर से मिली ,
नदिया बनी तुम्हारी सागर , तुम नदिया के हो जाओ |
आओ सागर तुम आकर, मेरी कुटिया में सो जाओ |
आओ सागर तुम आकर, मेरी कुटिया में सो जाओ |
लहरें तोड़ किनारे आतीं , सबके मन को वो हैं रिझातीं ,
लहरें तो हैं बनी चंचला , उनको प्यार तुम सिखलाओ ,
अंतर्मन में दबे प्यार को , जग में सागर बिखराओ |
आओ सागर तुम आकर, मेरी कुटिया में सो जाओ |
आओ सागर तुम आकर, मेरी कुटिया में सो जाओ |
अथाह सागर नाम तुम्हारा , थाह नहीं कोई तुम्हारी पाता,
रत्नों का भण्डार समेटे , इस दुनिया के जीवन दाता,
ऐसा ना हो तुम जाकर , अपनी दुनिया में खो जाओ |
आओ सागर तुम आकर, मेरी कुटिया में सो जाओ |
आओ सागर तुम आकर, मेरी कुटिया में सो जाओ |
सागर तुमने प्यार समेटा , धरती की गहराई से ,
सागर तुमने प्यार समेटा ,अम्बर की ऊँचाई से ,
अपने इस मनमोह प्यार को , तुम दुनिया में बिखराओ |
आओ सागर तुम आकर , मेरी बाँहों में सो जाओ |
रंगों का संसार समेटे , सागर तुम रंगीन हुए ,
जीवन का आधार समेटे , सागर तुम जीवंत हुए ,
अपने इन जीवंत रंगों को , इन्द्रधनुष बन चमकाओ|
आओ सागर तुम आकर , मेरे सपनों में खो जाओ |
शांत हृदय हो तुम तो सागर , फिर भी लहरों का शोर लिए ,
नदिया सब मीठा जल लातीं , फिर भी तुम खारा नीर लिए ,
इस खारे - पन के रहते ही , अमृतमय तुम हो जाओ|
आओ सागर तुम आकर, मेरी गागर में सो जाओ |
कल्पनाओं के पंख पसारे , मैं उड़ आयी बीच तुम्हारे ,
साकार करो सपने मेरे कि , मैं रह पाऊँ बीच तुम्हारे ,
अंतर्मन में अपने सागर ,मेरा घरोंदा रच जाओ |
आओ सागर तुम आकर, मेरी कुटिया में सो जाओ | नाम तुम्हारा लेके सागर , मानव ने सागर बनवाया ,
जीवन देने वाले तुम हो , उसने सागर छलकाया ,
तुम जीवन अमृत हो सागर , उसने जीवन बहकाया ,
उस बहके जीवन को सागर , तुम अमृतमय कर जाओ |
आओ सागर तुम आकर, मेरी गागर में सो जाओ |
कल्पनाओं के पंख पसारे , मैं उड़ आयी बीच तुम्हारे ,
साकार करो सपने मेरे कि , मैं रह पाऊँ बीच तुम्हारे ,
अंतर्मन में अपने सागर ,मेरा घरोंदा रच जाओ |
आओ सागर तुम आकर, मेरी कुटिया में सो जाओ | नाम तुम्हारा लेके सागर , मानव ने सागर बनवाया ,
जीवन देने वाले तुम हो , उसने सागर छलकाया ,
तुम जीवन अमृत हो सागर , उसने जीवन बहकाया ,
उस बहके जीवन को सागर , तुम अमृतमय कर जाओ |
आओ सागर तुम आकर, मेरी गागर में सो जाओ |
रात चाँदनी जगमग करती , उज्जवल नीर चमकता ,
सिंदूरी आभा से सागर , माथा तेरा दमकता ,
नन्हे तारों के झुरमुट में , ध्रुव तारा बन रम जाओ |
आओ सागर तुम आकर, मेरी चूनर झिलमिलाओ |
ज़िंदगी मानव पर कर्ज़ है तेरी , दुनिया है आभारी तेरी ,
अथाह संपदा थाती तेरी , पढले सागर पाती मेरी ,
भूल न जाए मानव तुमको , उसको याद दिला जाओ |
आओ सागर तुम आकर, मेरी राहों में सो जाओ |
सागर तुम छोटे बच्चे जैसे , मचल जाओ तो बात न मानो,
घुटनों -घुटनों चलते -चलते , दूर -दूर तक चलते जाते ,
पर अब वापस आ करके , मेरे आँचल में छिप जाओ |
आओ सागर तुम आकर, मेरी लोरी में सो जाओ |
आओ सागर तुम आकर, मेरी कुटिया में सो जाओ |
सिंदूरी आभा से सागर , माथा तेरा दमकता ,
नन्हे तारों के झुरमुट में , ध्रुव तारा बन रम जाओ |
आओ सागर तुम आकर, मेरी चूनर झिलमिलाओ |
ज़िंदगी मानव पर कर्ज़ है तेरी , दुनिया है आभारी तेरी ,
अथाह संपदा थाती तेरी , पढले सागर पाती मेरी ,
भूल न जाए मानव तुमको , उसको याद दिला जाओ |
आओ सागर तुम आकर, मेरी राहों में सो जाओ |
सागर तुम छोटे बच्चे जैसे , मचल जाओ तो बात न मानो,
घुटनों -घुटनों चलते -चलते , दूर -दूर तक चलते जाते ,
पर अब वापस आ करके , मेरे आँचल में छिप जाओ |
आओ सागर तुम आकर, मेरी लोरी में सो जाओ |
आओ सागर तुम आकर, मेरी कुटिया में सो जाओ |
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