Friday, July 22, 2022

ASHAANT MAN ( JIVAN )

 

 

                    अशांत मन 

 

जब कभी हो मन अशांत ,

आँख बंद कर ध्यान लगा लो ,

अपने मन के अंदर झाँक कर ,

उसका कोना - कोना छान लो | 


कहीं कोई तिनका ( ताना ) मिल जाए ,

कहीं कोई धूल का कण ( अपमान ) मिल जाए ,

शुद्ध विचारों से साफ कर लो ,

मुस्कानों से धो डालो | 


प्यार की कमी गर हो जीवन में ,

और इसीलिए मन अशांत हो ,

तो गीत प्यार का सुन लो ,

और गीत को गुनगुना लो | 


अशांत मन को भटकने मत दो ,

प्यार के कच्चे धागे से ही बाँध लो ,

ध्यान रखो धागा छूटे ना हाथ से ,

ध्यान रखो धागा टूटे ना ,हाथ से थाम लो | 


साँसों के तार पर ध्यान दो ,

गति ना बढ़ा दें ,गति ना घटा दें ,

कोशिश करो मध्यम चाल ही चलें ,

कोशिश करो मन को शांत ही करें || 


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